Himachal Day 2024: चुनावी आचार संहिता के बीच मनेगा 77वां हिमाचल दिवस, CM और मंत्री नहीं करेंगे शिरकत
Himachal Pradesh Day 2024: 77वां हिमाचल दिवस इस बार चुनावी आचार संहिता के बीच मनेगा. आचार संहिता की वजह से सीएम सूखविंदर सूक्खू और मंत्री शामिल नहीं होंगे. गर्वनर शिव प्रताप शुक्ल मुख्य अतिथि होंगे.
Himachal Pradesh Day Celebration 2024: हिमाचल दिवस हर साल की तरह इस साल भी 15 अप्रैल को हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाएगा. शिमला में होने वाले राज्यस्तरीय समारोह की अध्यक्षता प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल करेंगे. यहां वे राज्यस्तरीय समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित रहेंगे. लोकसभा चुनाव की वजह से देश भर में लगी चुनाव आचार संहिता के चलते समारोह में मुख्यमंत्री और अन्य मंत्री कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सकेंगे.
इस साल हिमाचल के गठन को 77 साल का वक्त पूरा हो जाएगा. आजादी के बाद 15 अप्रैल 1948 को हिमाचल का गठन हुआ था. तब छोटी-बड़ी तीस रियासतों को मिलाकर हिमाचल का गठन किया गया.
राज्य स्तरीय समारोह में क्या होगा आकर्षण का केंद्र?
हिमाचल दिवस के मौके पर आकर्षक परेड का आयोजन होगा. इसमें शिमला पुलिस, ट्रैफिक पुलिस, होमगार्ड, स्काउट एंड गाइड्स, एसडीआरएफ और रिजर्व बटालियन के जवान शामिल होंगे. इसके अलावा राज्यस्तरीय समारोह में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन होगा. इसमें हमीरपुर, सिरमौर, मंडी और कांगड़ा जिला के उत्कृष्ट सांस्कृतिक दल अपनी प्रस्तुति देंगे. राज्यस्तरीय समारोह में हिमाचल प्रदेश पुलिस बैंड और हिमाचल होमगार्ड बैंड आकर्षण का मुख्य केंद्र होंगे. 10 अप्रैल से रिज मैदान पर समारोह के लिए अभ्यास शुरू हो जाएगा.
15 अप्रैल 1948 को हुआ था हिमाचल का गठन
देश की आजादी के बाद 15 अप्रैल 1948 को हिमाचल का गठन हुआ था. तब छोटी-बड़ी तीस रियासतों को मिलाकर हिमाचल का गठन किया गया था. हिमाचल गठन के 2 साल बाद भारत ने संविधान को लागू करने का मील पत्थर 26 जनवरी 1950 को हासिल किया और उसी वक्त हिमाचल प्रदेश क्लास-3 या क्लास-सी यानी 'ग' श्रेणी का राज्य बना. हिमाचल में डॉ. वाई.एस. परमार इस प्रदेश को अपने ही तरीके से नई दिशा देने में जुटे थे. फिर विस्तार की प्रक्रिया में 1 जुलाई 1954 को बिलासपुर को हिमाचल में शामिल किया गया.
1956 में हिमाचल बना केंद्र शासित प्रदेश
2 साल बाद ही 1 जुलाई 1956 को हिमाचल प्रदेश केंद्र शासित प्रदेश बन गया. इसके बाद 1 नवंबर 1966 को पंजाब के पुनर्गठन के साथ ही कांगड़ा और पंजाब के अन्य पहाड़ी इलाके हिमाचल के साथ जोड़े गए. हालांकि इसके बाद भी हिमाचल केंद्र शासित प्रदेश ही था. डॉ. परमार हिमाचल को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने की कोशिश कर रहे थे. डॉ. परमार और अन्य नेताओं के प्रयासों से दिसंबर 1970 को भारतीय संसद ने हिमाचल प्रदेश राज्य अधिनियम पास किया. फिर केंद्र में इंदिरा गांधी की सरकार के समय हिमाचल प्रदेश को 25 जनवरी 1971 को पूर्ण राज्य का दर्जा मिला. तब हिमाचल प्रदेश भारतीय गणराज्य का 18 वां राज्य बना था.