Himachal Flood: हिमाचल प्रदेश में तीसरी बार फिर मॉनसून का रौद्र रूप देखने को मिला है. कुल्लू के आनी में आठ मकान गिर गए, जबकि दो मकानों को अभी भी खतरा बना हुआ है. राज्य के अलग-अलग हिस्सों में बुधवार यानी 24 अगस्त को बारिश, भूस्खलन से हुए अलग-अलग हादसों में 13 लोग मारे गए हैं. और छह लोग लापता हैं. इस दौरान राज्य के 24 स्थानों पर भूस्खलन और तीन स्थानों पर बाढ़ की घटनाएं हुईं.


जून से अब तक 361 लोगों की हुई मौत
वहीं राज्य आपदा प्रबंधन के प्रधान सचिव ओंकार शर्मा ने बताया कि, कुल्लू में हादसे से पहले ही मकानों को खाली करवा लिया गया था. हिमाचल में 24 जून से अब तक 361 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 342 घायल हैं और 41 लोग अभी भी लापता हैं. इसके साथ ही अभी तक 8291.61 करोड़ के नुकसान आंकलन किया गया है, जो 10 हजार करोड़ तक जा सकता है. वहीं 2,237 घर पूरी तरह से तबाह हो गए हैं. 9,924 घरों को नुकसान पहुंचा है और 300 दुकानें बह गई, जबकि 4,783 गौशालायें तबाह हो गई हैं.


हिमाचल में 709 सड़कें बंद 
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की रिपोर्ट के मुताबिक, भूस्खलन से तीन नेशनल हाइवे समेत 709 सड़कें बंद हैं, तो 2,897 ट्रांसफार्मर खराब होने से बिजली गुल है. लोकनिर्माण विभाग के शिमला जोन में सबसे ज्यादा 220 सड़कें बंद हैं. इसी तरह मंडी जोन में 213, हमीरपुर जोन में 180, कांगड़ा जोन में 93 सड़कों पर आवागमन ठप है. इसके अलावा बड़ी संख्या में ट्रांसफार्मर भी खराब पड़े हैं. अकेले मंडी जिले में 1,142 ट्रांसफार्मर के ठप पड़ने से कई गांवों और शहरों में बिजली गुल है.


मौसम विभाग के अनुसार बुधवार को बिलासपुर के काहू और मंडी के कोटला में सबसे ज्यादा 210-210 मिलीमीटर बारिश हुई है. इसके अलावा बिलासपुर सदर, बरठी व पण्डोह में 180-180 मिमी, कण्डाघाट में 160, बंगाणा व कसौली में 150-150, बलद्वारा में 140, शिमला व नैना देवी में 130-130 मिमी बारिश रिकॉर्ड हुई है. वहीं मौसम विभाग ने 25 अगस्त तक भारी बारिश की आशंका जताई है.


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