Himachal Doctors Strike: पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में नौ अगस्त को एक पीजी ट्रेनी महिला डॉक्टर की रेप के बाद हत्या कर दी गई थी. इस घटना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन बढ़ता जा रहा है. 


मृतका डॉक्टर के शव पर बर्बरता के निशान भी मिले. यह बर्बरतापूर्ण घटना मानवीय संवेदनाओं को शर्मसार करने वाली है. यही नहीं, भीड़ की शक्ल में आए गुंडों ने अस्पताल में घुसकर सबूत को मिटाने की भी भरसक कोशिश की. 


इमरजेंसी छोड़ सभी अन्य सेवाएं ठप
इससे देशभर के डॉक्टरों में गुस्सा देखने को मिल रहा है. खासकर महिला इंटर्न डॉक्टर अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता में हैं. हिमाचल प्रदेश के भी डॉक्टरों ने इस घटना के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. अस्पताल में इमरजेंसी सेवा के अलावा अन्य सेवाओं को बंद किया गया है. 






सभी डॉक्टर कोलकाता की बेटी के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं. हिमाचल में स्टेट एसोसिएशन के मेडिकल एंड डेंटल टीचर्स भी आज शनिवार (17 अगस्त) को हड़ताल पर हैं. 


शनिवार (17 अगस्त) को शिमला के इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज समेत राज्य के अन्य अस्पतालों में सभी तरह की ओपीडी बंद है. अस्पताल में डॉक्टर सिर्फ इमरजेंसी केस ही अटेंड कर रहे हैं. अन्य टेस्ट और ओपीडी को पूरी तरह ठप रखा है.


IMC के सुझावों को लागू करने की मांग
इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज शिमला में कार्यरत डॉ. राहुल गुप्ता ने कहा कि कोलकाता में बेटी के साथ जो कुछ हुआ, उसने पूरे समाज को हिला कर रख दिया. उन्होंने कहा कि एक तरफ तो देश में 'बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ' के बड़े-बड़े नारे दिए जा रहे हैं, लेकिन दूसरी तरफ बेटियों की सुरक्षा न के बराबर है. 


डॉ. राहुल गुप्ता ने कहा कि यह बेटी भी समाज का ही हिस्सा थी. ऐसे में समाज को भी इन सभी मुद्दों पर संवेदनशील होने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि वह हिमाचल प्रदेश सरकार से मांग करते हैं कि इंडियन मेडिकल काउंसिल की ओर से दिए गए सुझावों को जल्द से जल्द अमल में लाया जाए. 


इंडियन मेडिकल काउंसिल के सुझाव को लेकर डॉ. राहुल गुप्ता ने कहा कि यह प्रदेश के साथ देश हित में है. डॉ. राहुल गुप्ता ने बताया कि अस्पताल में सिर्फ इमरजेंसी में आ रहे मरीजों को ही अटेंड किया जा रहा है.


सैकड़ों किमी दूर से आए मरीज परेशान
अस्पताल में इमरजेंसी के अलावा सभी अन्य सेवाओं को बंद रखा गया है. इसके अलावा जिन मरीजों को महीना पहले टेस्ट करवाने की डेट मिली थी, वह टेस्ट भी आज नहीं हो पाए हैं.


हड़ताल की वजह से सैकड़ों किलोमीटर दूर से अस्पताल पहुंचने वाले मरीज और उनके तीमारदार परेशान हो रहे हैं. ग्रामीण इलाकों में जिन लोगों को हड़ताल की जानकारी नहीं थी, वह अस्पताल पहुंच गए और उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ा. 


अपनी मां के साथ अस्पताल पहुंचे प्रमोद ठाकुर ने बताया कि वह यहां अपनी मां को ओपीडी में दिखाने के लिए पहुंचे थे, लेकिन यहां आकर पता चला की सेवाएं तो बंद हैं. ऐसे में उन्हें काफी परेशानी हो रही है. वे कहते हैं कि पूरा समाज कोलकाता की बेटी को न्याय दिलाने के लिए खड़ा है, लेकिन हड़ताल करना समस्या का समाधान नहीं हो सकता.


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