Kolkata Rape and Murder Case: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में नौ अगस्त को एक पीजी ट्रेनी महिला डॉक्टर की रेप के बाद हत्या कर दी गई. यह बर्बरतापूर्ण घटना हर किसी को हिला देने वाली है. इससे देशभर के डॉक्टरों में गुस्सा देखने को मिल रहा है. खासकर महिला इंटर्न डॉक्टर अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता में हैं. इस मामले में विरोध प्रदर्शन बढ़ता जा रहा है. इस बीच हिमाचल प्रदेश के डॉक्टर भी घटना पर अपना विरोध दर्ज करवा रहे हैं. इमरजेंसी सेवा के अलावा अन्य सेवाओं को बंद किया गया है. सभी डॉक्टर कोलकाता की बेटी के लिए न्याय की मांग उठा रहे हैं.
भारी बारिश के बीच भी नहीं डिगा डॉक्टरों का हौसला
राजधानी शिमला में इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने कैंडल मार्च निकाल अपना विरोध दर्ज किया. इससे पहले 12 अगस्त को भी इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज से लक्कड़ बाजार तक कैंडल मार्च निकाला गया था. शुक्रवार को भी कैंडल मार्च शेर-ए-पंजाब चौक से शुरू होकर शिमला डीसी ऑफिस तक निकाला गया. इस दौरान शिमला में भारी बारिश भी हुई. इस बारिश में भी डॉक्टरों का हौसला नहीं डिगा और वह सब एक साथ खड़े होकर कोलकाता की बेटी के लिए न्याय मांगते नजर आए.
इमरजेंसी के अलावा सभी अन्य सेवाओं को बंद
रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के उपाध्यक्ष डॉ. रोहित चौहान ने कहा कि जब तक कोलकाता की बेटी को न्याय नहीं मिल जाता, तब तक इसी तरह सभी डॉक्टर न्याय की मांग करते रहेंगे. इमरजेंसी के अलावा सभी अन्य सेवाओं को बंद रखा गया है. शनिवार को प्रदर्शन में प्रोफेसर भी साथ जुड़कर कोलकाता की बेटी के लिए न्याय मांगेंगे. कोलकाता में हुई इस घटना के बाद देशभर के डॉक्टर में अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता का भाव पैदा हुआ है. सभी डॉक्टर चाहते हैं कि जब वे ड्यूटी पर हों, तो उनकी सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जाए.
बात अगर शिमला इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज की करें, तो यहां भी सुरक्षाकर्मियों की कमी है. जिन सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है, वह भी प्रशिक्षित नहीं हैं. इसके अलावा कई जगहों पर पर्याप्त लाइट की भी सुविधा नहीं है. ऐसे में महिला डॉक्टर को इधर-उधर जाने में डर लगता है.
बेटी के लिए न्याय की मांग
हाल ही में एक भीड़ ने अस्पताल के अंदर घुसकर जमकर तोड़फोड़ की. इसे लेकर भी देश के अन्य डॉक्टरों में खासा गुस्सा है. डॉक्टरों का कहना है कि जानबूझकर भीड़ को अस्पताल के अंदर भेजा गया, ताकि यहां सभी सबूत को नष्ट किया जा सके. इसके अलावा इस पूरे मामले में राजनीति की एंट्री से भी डॉक्टर नाराज हैं. डॉक्टरों की मांग है कि राजनीतिक हस्तक्षेप तो हो, लेकिन बेटी को न्याय दिलाने के लिए हो. यह हस्तक्षेप अपनी राजनीतिक रोटियां सीखने के लिए नहीं होना चाहिए.
यह भी पढ़ें: हिमाचल के संपन्न परिवारों से सब्सिडी छोड़ने की अपील, क्या है वजह CM सुक्खू ने बताई पूरी बात