Himachal Election Results 2022: हिमाचल कांग्रेस में नई नहीं है मुख्यमंत्री के लिए खींचतान, 10 साल बाद फिर इतिहास दोहरा रही कांग्रेस
Himachal Election Results 2022: हिमाचल कांग्रेस में मुख्यमंत्री के पद पर प्रतिभा सिंह और सुखविंदर सिंह सुक्खू के बीच मुख्य लड़ाई मानी जा रही है. देखना अब ये है कि आलाकमान क्या फैसला करेगा.
Himachal Election Results 2022: हिमाचल कांग्रेस में मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर खींचतान कोई नई बात नहीं है. साल 2022 विधानसभा चुनाव में बहुमत हासिल करने के बाद हिमाचल कांग्रेस में मुख्यमंत्री को लेकर खींचतान लगातार बढ़ती चली जा रही है. यह पहली बार नहीं है, जब मुख्यमंत्री को लेकर इस तरह की लड़ाई देखने को मिल रही हो. साल 2012 के विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने पर भी कांग्रेस में ऐसी स्थिति पैदा हो गई थी.
साल 2012 में बहुमत हासिल करने के बाद मुख्यमंत्री पद की लड़ाई वीरभद्र सिंह और कौल सिंह ठाकुर के बीच थी. उस समय हिमाचल कांग्रेस के प्रभारी सुशील कुमार शिंदे और पर्यवेक्षक शीला दीक्षित ने विधायकों को एक-एक कर कमरे में बुलाया और उनसे मुख्यमंत्री की पसंद के बारे में पूछा था. इस बार भी केंद्रीय पर्यवेक्षक भूपेश बघेल, भूपेंद्र सिंह हुड्डा और हिमाचल कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला ने विधायकों से अलग-अलग कमरे में बैठकर मुख्यमंत्री की पसंद के बारे में जाना.
साल 2012 में क्या हुआ था?
साल 2012 में कांग्रेस को बहुमत हासिल हुआ. इसके बाद मुख्यमंत्री की दौड़ में वीरभद्र सिंह के साथ कौल सिंह ठाकुर भी शामिल हो गए. समर्थकों और कुछ विधायकों की तरफ से कौल सिंह ठाकुर को मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग उठी. इस पर वीरभद्र सिंह ने पर्यवेक्षकों को सभी विधायकों को अलग-अलग बिठाकर मुख्यमंत्री के बारे में राय जानने की बात कही. पर्यवेक्षकों ने जब मुख्यमंत्री के बारे में राय जानी, तो अधिकतर विधायकों ने वीरभद्र सिंह का नाम लिया.
विधायकों की पहली पसंद वीरभद्र सिंह होने की वजह से कांग्रेस ने एक बार फिर वीरभद्र सिंह को हिमाचल प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया. यह सारा सियासी ड्रामा विधानसभा के अपोजिशन लाउंज में हुआ. वीरभद्र सिंह ने हिमाचल प्रदेश में चार दशकों तक एक छत्र राज किया. समय-समय पर कई नेताओं ने हिमाचल कांग्रेस की सत्ता हत्याने की कोशिश की, लेकिन वह इसमें सफल नहीं हो सके.
इस बार फिर दोहराया जा रहा इतिहास
साल 2022 के विधानसभा चुनाव में हिमाचल प्रदेश की जनता ने कांग्रेस पार्टी को 40 सीटों के साथ बहुमत दिया है. जनता ने भले ही कांग्रेस को जनादेश दे दिया हो, लेकिन कांग्रेस अभी तक अपना मुख्यमंत्री फाइनल नहीं कर सकी है. हिमाचल कांग्रेस में मुख्यमंत्री के पद पर प्रतिभा सिंह और सुखविंदर सिंह सुक्खू के बीच मुख्य लड़ाई मानी जा रही है. हिमाचल कांग्रेस ने शुक्रवार दोपहर दो बजे विधायक दल की बैठक बुलाई थी, लेकिन देर शाम तक भी यह बैठक नहीं हो सकी. अभी भी कई विधायक न तो हिमाचल कांग्रेस कार्यालय पहुंचे और न ही पर्यवेक्षकों से मिले हैं. हिमाचल कांग्रेस में मुख्यमंत्री का द्वंद लगातार बढ़ता चला जा रहा है.
वीरभद्र सिंह का वर्चस्व खत्म करने की तमाम कोशिशें रहीं विफल
वीरभद्र सिंह हिमाचल प्रदेश में सबसे अधिक समय तक मुख्यमंत्री बनने वाले बड़े नेता रहे. उन्होंने छह बार हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली. चार दशकों तक हिमाचल की राजनीति में राज करने वाले वीरभद्र सिंह की राहों में भी कई बार कांटे बिछाने की कोशिश की गई. कांग्रेस के बड़े नेताओं ने कई बार उनका वर्चस्व खत्म करने की कोशिश की. साल 2007 में वीरभद्र की जगह विद्या स्टोक्स को नेता प्रतिपक्ष बनाया गया.
साल 2009 में वीरभद्र सिंह लोकसभा का चुनाव लड़ के सांसद बने और उन्हें केंद्र में मंत्री पद से नवाजा गया. इसके बाद 2012 में विधानसभा चुनाव हुए. कौल सिंह ठाकुर समेत कई नेताओं ने मुख्यमंत्री पद को लेकर दावेदारी जाहिर की, लेकिन वीरभद्र के नाम के आगे तमाम दावे धराशाई होते नजर आए. यह बात भी सच है कि अब हिमाचल कांग्रेस में वीरभद्र सिंह के कद का कोई नेता नहीं बचा है. ऐसे में आलाकमान को भी अब हिमाचल प्रदेश में नए नेतृत्व को सशक्त करने की चुनौती है.
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