Himachal Election Results 2022: हिमाचल चुनाव में जयराम सरकार के 8 मंत्रियों की हार, मंत्रिमंडल से हटने वालों की जीत
Himachal Election Results 2022: हिमाचल चुनाव में 8 कैबिनेट मंत्रियों को हार का सामना करना पड़ा है लेकिन जयराम सरकार के शुरुआती दौर में मंत्रिमंडल का हिस्सा रहे 2 पूर्व मंत्रियों ने जीत भी हासिल की है.
Himachal Election Results 2022: हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में एक तरफ जहां 13वीं विधानसभा में सदन के नेता जयराम ठाकुर ने 38 हजार 183 वोट के मार्जिन से जीत हासिल कर इतिहास रचा है. वहीं जयराम सरकार के आठ मंत्री विधानसभा चुनाव तक नहीं जीत सके. हिमाचल प्रदेश की जनता ने इन सियासी दिग्गजों को साल 2022 के विधानसभा चुनाव में घर पर बिठाने का काम किया है. जयराम मंत्रिमंडल में सरकार का चेहरा रहे बड़े नेता चुनाव हार गए हैं.
विधानसभा चुनाव हारे आठ सियासी दिग्गज
चुनाव हारने वाले कैबिनेट मंत्रियों में कसुम्पटी विधानसभा क्षेत्र से सुरेश भारद्वाज, शाहपुर से सरवीन चौधरी, फतेहपुर से राकेश पठानिया, कसौली से राजीव सैजल, मनाली से गोविंद सिंह ठाकुर, लाहौल स्पीति से रामलाल मारकंडा, कुटलैहड़ से वीरेंद्र सिंह कंवर और बिलासपुर से राजिंद गर्ग शामिल हैं. इस सीट से रजत ठाकुर को भी हार का सामना करना पड़ा है. जयराम मंत्रिमंडल में पांवटा साहिब से सुखराम चौधरी और जसवां परगपुर से बिक्रम सिंह ठाकुर ने जीत हासिल की है. इसके अलावा धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र से जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह की जगह उनके बेटे रजत ठाकुर को टिकट देने का फैसला भी बीजेपी के खिलाफ गया.
मंत्रिमंडल से हटने वाले मंत्रियों की जीत
साल 2022 के विधानसभा चुनाव में भले ही आठ कैबिनेट मंत्रियों को हार का सामना करना पड़ा हो, लेकिन जयराम सरकार के शुरुआती दौर में मंत्रिमंडल का हिस्सा रहे दो पूर्व मंत्रियों ने जीत भी हासिल की है. इस सूची में पहला नाम विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार का है. साल 2017 से साल 2019 तक विपिन सिंह परमार जयराम सरकार में स्वास्थ्य मंत्री के पद पर रहे. इसके बाद जनवरी 2019 में डॉ. राजीव बिंदल की जगह उन्हें विधानसभा अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी गई. विपिन सिंह परमार ने सुलह विधानसभा क्षेत्र से जीत हासिल की है.
अनिल शर्मा ने एक बार फिर जीत की हासिल
जीत हासिल करने वाले पूर्व मंत्रियों में दूसरा नाम मंडी सदर से अनिल शर्मा का है. साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बेटे आश्रय शर्मा के कांग्रेस से चुनाव लड़ने की वजह से उन्होंने अनिल शर्मा ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. हालांकि वे फिर भी बीजेपी विधायक बने रहे थे. तीन साल तक चली चले शीत युद्ध के बाद आखिरी समय पर अनिल शर्मा ने बीजेपी के साथ सुलह कर मंडी से ही विधानसभा चुनाव लड़ा और जीत हासिल की.