(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
हिमाचल में बिजली बोर्ड कर्मचारियों ने सुक्खू सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा, बड़े आंदोलन की दी चेतावनी
Himachal News: हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड कर्मचारियों ने सुक्खू सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. बिजली बोर्ड कर्मचारियों ने सरकार को बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है.
Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार की परेशानी कम होने का नाम ही नहीं ले रही है. एक के बाद एक चुनौतियां सरकार की परेशानी बढ़ा रही है. हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड के कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ संघर्ष तेज कर दिया है. सोमवार को बिजली बोर्ड कर्मचारियों ने बिजली बोर्ड कर्मचारी-इंजीनियर संयुक्त मोर्चा के बैनर तले प्रदर्शन किया. संयुक्त मोर्चा ने राज्य सरकार को मांगे न मानने की स्थिति में बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है.
हिमाचल बिजली बोर्ड कर्मचारी-इंजीनियर संयुक्त मोर्चा के संयोजक लोकेश ठाकुर और सह संयोजक हीरा लाल वर्मा ने बताया कि बिजली बोर्ड को विघटित कर निजी कंपनियां को देने की कोशिश की जा रही है. हाल ही में बिजली बोर्ड से 51 पदों को खत्म किया गया है. यह सरासर गलत है.
हिमाचल बिजली बोर्ड कर्मचारी-इंजीनियर संयुक्त मोर्चा ने इसके पीछे बिजली बोर्ड को अस्थिर करने की आशंका भी जाहिर की है. इसके अलावा बिजली बोर्ड से 81 ड्राइवर को भी नौकरी से हटा दिया गया है. संयुक्त मोर्चा ने स्थिति को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. हिमाचल बिजली बोर्ड कर्मचारी-इंजीनियर संयुक्त मोर्चा के संयोजक लोकेश ठाकुर ने कहा कि बिजली बोर्ड के लिए राज्य सरकार ने जिस कैबिनेट सब कमेटी का गठन किया है, वह भी बिजली बोर्ड के खिलाफ काम कर रही है. कैबिनेट सब कमेटी में जिस तरह के सुझाव माने जा रहे हैं, वह बिजली बोर्ड के खिलाफ ही है. संयुक्त मोर्चा अब आगामी रणनीति 4 नवंबर को तय करेगा.
क्या हैं बिजली बोर्ड कर्मचारियों की मांगें?
1. 16 अक्टूबर, 2024 को जारी अधिसूचना के तहत समाप्त किए गए इंजीनियरिंग कैडर के 51 पदों को बहाल किया जाए.
2. हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड की विभिन्न इकाइयों में पिछले 10-12 सालों से ड्राइवर के पद पर काम कर रहे 81 आउटसोर्स कर्मचारी की छंटनी के आदेश वापस लिए जाएं.
3. हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड के कर्मचारियों के लिए बिना देरी ओल्ड पेंशन स्कीम लागू हो.
4. हिमाचल प्रदेश सरकार और बिजली बोर्ड कर्मचारियों और इंजीनियरों के संयुक्त संगठन के बीच एचपीएसईबी स्थानांतरण योजना, 2010 से जुड़े द्विपक्षीय समझौते के प्रावधानों का अक्षरशः पालन करना हो. संयुक्त मोर्चा के परामर्श के बिना किसी भी परिसंपत्ति जैसे लाइन, सब स्टेशन और पावर हाउस को अन्य इकाई को ट्रांसफर न किया जाए.
5. एचपीएसईबीएल-एचपीएसएल की सेवा समिति की के से पहले से अनुमोदित टी-मेट के 1 हजार 030 पदों के लिए चयन प्रक्रिया शुरू हो. साथ ही बिजली बोर्ड में खाली पदों पर भर्ती भी की जाए.
6. सातवें वेतन आयोग का कर्मचारियों/पेंशनभोगियों को पेंशन और वेतन का बकाया जारी किया जाए.
7. कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के सभी लंबित टर्मिनल लाभ, भुगतान को और विलंबित रूप से जारी किया जाए.
इसे भी पढ़ें: 'हर पल पलटती है सुक्खू सरकार, CM का अधिकारियों पर कंट्रोल नहीं', सांसद सुरेश कश्यप का निशाना