Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड आउटसोर्स कर्मचारी यूनियन ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. यह आउटसोर्स कर्मचारी बिजली बोर्ड से निकल गए 81 आउटसोर्स ड्राइवर की सेवाएं बहाल करने की मांग उठा रहे हैं. बिजली बोर्ड के राज्य कार्यालय के बाहर कर्मचारियों ने सोमवार दोपहर एकत्रित होकर नारेबाजी की और 81 ड्राइवर को वापस कम पर रखने की मांग उठाई है. आउटसोर्स कर्मचारी यूनियन ने राज्यव्यापी आंदोलन की भी चेतावनी दी है.


81 ड्राइवर को नौकरी पर वापस रखने की मांग


हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड आउटसोर्स कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष अश्वनी शर्मा ने कहा कि दो महीने पहले 81 ड्राइवर की सेवाएं खत्म कर दी गई थी. इसके बाद यह आश्वासन दिया गया था कि जल्द ही इनके बारे में विचार कर दोबारा नौकरी पर रख लिया जाएगा. अब दो महीने का वक्त बीत चुका है, लेकिन यह कर्मचारी घर पर बैठे हुए हैं. कर्मचारियों ने 12 साल से 14 साल बिजली बोर्ड की सेवा में लगाए, लेकिन आज वह आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं.






हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड आउटसोर्स कर्मचारी के इस प्रदर्शन को बिजली बोर्ड ज्वाइंट फ्रंट का भी समर्थन मिला है. अश्वनी शर्मा ने कहा कि अगर वक्त रहते आउटसोर्स पर तैनात इन कर्मचारियों को वापस नहीं रखा गया, तो बिजली बोर्ड में काम कर रहे करीब 3 हजार 100 आउटसोर्स कर्मचारी राज्यव्यापी आंदोलन करने के लिए मजबूर हो जाएंगे.


बिजली बोर्ड जॉइंट फ्रंट ने दिया आउटसोर्स यूनियन को समर्थन


हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड जॉइंट फ्रंट की ओर से संयोजक लोकेश ठाकुर और सह संयोजक हीरा लाल वर्मा ने कर्मचारियों के समूह को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि ज्वाइंट फ्रंट की राज्य सरकार के साथ बातचीत चल रही है. राज्य सरकार से अनुरोध किया गया है कि वह अपने इस फैसले पर पुनर्विचार करें. शीतकालीन विधानसभा सत्र के बाद 23 दिसंबर को वार्ता प्रस्तावित है. ज्वाइंट फ्रंट ने भी मांग उठाई है कि आउटसोर्स पर तैनात 81 ड्राइवर की सेवाएं दोबारा बहाल की जाए.


इसे भी पढ़ें: शिमला की सड़कों पर उतरे युवा, CM सुखविंदर सिंह सुक्खू पर लगाए वादाखिलाफी के आरोप, जानें क्या हैं मांगे?