हिमाचल में सरकारी कर्मचारी भर्ती एवं सेवा की शर्तें विधेयक पास, जानें क्या होंगे बदलाव?
Himachal Pradesh News: हिमाचल विधानसभा में तीसरे दिन चार अहम संशोधन विधेयक पारित हुए. सरकारी कर्मचारियों की भर्ती और सेवा शर्तें विधेयक पास हुए. पुलिस संशोधन विधेयक भी पारित किया गया.
Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश में 2003 के बाद अनुबंध पर नियुक्त कर्मचारियों को बैक-डेट से वरीयता और वित्तीय लाभ नहीं मिलेंगे. राज्य सरकार ने शुक्रवार को हिमाचल प्रदेश सरकारी कर्मचारियों की भर्ती और सेवा शर्तें विधेयक-2024 को विधानसभा से पारित कर दिया है. हालांकि बीजेपी के विधायकों ने सदन में विरोध किया. यानी कर्मचारी जिस डेट को रेगुलर हुए, उसी दिन से उन्हें यह लाभ मिलेंगे. अनुबंध सेवाकाल को इसमें नहीं जोड़ा जाएगा.
ये बदलाव विशेष रूप से उन कर्मचारियों के लिए हैं, जिनकी वरिष्ठता को लेकर पहले अदालत से आदेश जारी किए गए थे. इन आदेशों के चलते राज्य खजाने पर बोझ बढ़ने की संभावना थी. बता दें कि शुरुआत में एग्रीमेंट पॉलिसी के तहत कमीशन पास कर्मचारियों को 8 साल बाद रेगुलर किया गया. इसके बाद अवधि घटाकर 6 साल, फिर 5 साल और अब 3 साल बाद कंट्रैक्ट कर्मियों को रेगुलर किया जाता है. इसके खिलाफ कुछ कर्मचारी कोर्ट पहुंचे. कोर्ट ने कुछ कर्मचारियों को बैकडेट से सीनियरिटी और वित्तीय फायदे देने के आदेश दिए.
हिमाचल पुलिस संशोधन विधेयक पारित
इसी तरह सदन में हिमाचल पुलिस संशोधन विधेयक 2024 भी पारित हो गया. इसके बाद अब कांस्टेबल और हेड कांस्टेबल का भी जिला के बजाय राज्य कैडर हो गया है. इनकी भर्ती अब पुलिस बोर्ड करेगा. संशोधन विधेयक पारित होने से पुलिस कांस्टेबल का एक जिले से दूसरे जिले में तबादला हो सकेगा. सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए नया संशोधन विधेयक पारित किया. अब ड्यूटी पर तैनात लोक सेवकों यानी कर्मचारियों के लिए सुरक्षा की भी व्यवस्था की गई है.
पुलिस अधिनियम की धारा-65 की उपधारा-तीन में संशोधन किया गया. सरकार की अनुमति के बिना कर्मचारियों को पुलिस अधिकारी गिरफ्तार नहीं करेंगे. सुरक्षा मिलने से अब लोक सेवक निडर होकर कर्तव्य निर्वहन कर सकेंगे.
हिमाचल प्रदेश भू-जोत अधिकतम सीमा संशोधन विधेयक 2024 विपक्ष के विरोध के बावजूद पारित कर दिया गया. 1972 के लैंड सीलिंग एक्ट में संशोधन के रूप में इस विधेयक को पारित कर दिया गया. इसके तहत अब धार्मिक और चैरिटी के लिए 30 एकड़ जमीन या भूमि पर बने ढांचे को हस्तांतरित किया जा सकेगा. संशोधन विधेयक को राधास्वामी सत्संग ब्यास भोटा चैरिटेबल अस्पताल की भूमि और भवन को चिकित्सा सेवाओं के लिए मेडिकल रिलीफ सोसाइटी को हस्तांतरित करने की अनुमति के मद्देनजर पारित किया गया है.
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