Virbhadra Singh Statue: हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की प्रतिमा रिज मैदान पर स्थापित होगी. उनके चाहने वाले लंबे समय से इस मांग को उठा रहे हैं. नगर निगम शिमला के सदन में इस बाबत एक बार से प्रस्ताव पारित किया गया. इससे पहले पिछले साल भी नगर निगम शिमला सदन में यह प्रस्ताव पारित हुआ था.
नगर निगम शिमला में कांग्रेस की सत्ता आने के बाद एक बार फिर इस प्रस्ताव को पारित किया गया है. नगर निगम शिमला 23 जून तक प्रतिमा का शिलान्यास करने की तैयारी कर रहा है. इस दिन ही वीरभद्र सिंह का जन्म भी हुआ था. इससे पहले 11 जनवरी को शिमला जिला परिषद की बैठक में भी या प्रस्ताव पारित किया गया था.
नगर निगम शिमला की बैठक में प्रस्ताव पारित
नगर निगम शिमला के सदन की पहली बैठक के बाद शिमला शहर के विधायक हरीश जनारथा ने कहा कि बैठक में वीरभद्र सिंह की प्रतिमा स्थापित करने का प्रस्ताव आया है. पिछले साल भी नगर निगम के सदन में प्रस्ताव पारित किया गया था. अब एक बार फिर इस प्रस्ताव को पारित किया गया है. उन्होंने कहा कि इस प्रतिमा को स्थापित करने में न तो प्रदेश सरकार और न ही नगर निगम शिमला का कोई खर्च आएगा. इसके लिए पूरी राशि दान के जरिए जुटाई जाएगी. उन्होंने कहा कि लोगों से भारी-भरकम दान नहीं बल्कि छोटा ही दान लिया जाएगा, ताकि हर कोई वीरभद्र सिंह की प्रतिमा स्थापित करने के लिए अपना योगदान दे सके. उन्होंने कहा कि इसके लिए नगर निगम शिमला का रिज मैदान पर जमीन उपलब्ध करवाने के लिए कहा गया है.
कैसा था पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह का सियासी सफर?
पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह का जन्म 3 जून 1934 को शिमला जिले के सराहन में बुशहर रियासत के शाही परिवार में हुआ था. उनकी स्कूली शिक्षा शिमला के बिशप कॉटन स्कूल से हुई. इसके बाद उन्होंने दिल्ली के सेंट स्टीफन कॉलेज से बीए ऑनर्स की डिग्री प्राप्त की. छह बार हिमाचल प्रदेश का प्रतिनिधित्व कर चुके पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने 1962 से महासू लोकसभा क्षेत्र से अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी. पहली बार महासू से चुनकर तीसरी लोकसभा के सदस्य बने. वे जवाहरलाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री और इंदिरा गांधी के कहने पर राजनीति में आए थे. साल 1967 में इसी संसदीय क्षेत्र से दूसरी बार सांसद चुने गए. इसके बाद शिमला लोकसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित होने पर वीरभद्र सिंह ने 1971 में मंडी लोकसभा क्षेत्र को अपनी कर्मभूमि बनाया.
60 साल तक सक्रिय राजनीति में रहे वीरभद्र सिंह
अपने 60 साल के राजनीतिक सफर के दौरान उन्होंने कुल 14 चुनाव लड़े. वे आठ बार विधायक, छह बार प्रदेश के मुख्यमंत्री और पांच बार लोकसभा के सदस्य रहे. वीरभद्र सिंह 1962, 1967, 1971, 1980 और 2009 में लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए. इसके अलावा वे 1983, 1985, 1990, 1993, 1998, 2003, 2009, 2012 और 2017 में विधायक रहे. 1983, 1985, 1993, 1998, 2003 और 2012 में उन्होंने बतौर मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश का प्रतिनिधित्व किया.