Himachal News: हिमाचल प्रदेश में सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार में छह सीपीएस बनाए गए हैं. मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना की ओर से जारी एक पत्र में स्पष्ट किया गया है कि सीपीएस के पास किसी भी फाइल को मंजूरी देने का अधिकार नहीं होगा. सीपीएस सिर्फ अपना मत दर्ज करवा सकेंगे. इसके अलावा पत्र में यह भी कहा गया है कि विभागों की ओर से भेजे जाने वाले प्रस्ताव या फाइल संबंधित मंत्रियों से पहले सीपीएस के पास जाएंगे. मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने यह आदेश मुख्यमंत्री की ओर से दिए गए निर्देशों पर जारी किए हैं.

 

सीपीएस को प्रस्ताव या फाइल पर अपना मत दर्ज करवाने का पूरा अधिकार होगा. हालांकि किसी भी तरह का अंतिम फैसला संबंधित अधिकार मंत्री के हाथ में ही होगा. सामान्य प्रशासन विभाग ने सीपीएस के कार्यों को लेकर सभी प्रशासनिक सचिवों को दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं. इससे पहले अब तक मुख्य संसदीय सचिव के कार्य स्पष्ट नहीं थे. हिमाचल प्रदेश में मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्ति कैबिनेट मंत्रियों की मदद के लिए की गई है.

 

चार मुख्य संसदीय सचिवों को विभागों का इंतजार
गौरतलब है कि अब तक सिर्फ दो ही मुख्य संसदीय सचिवों को अटैच किया गया है. अन्य चार अभी अपनी नियुक्ति का इंतजार कर रहे हैं. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी को सूचना एवं जन संपर्क विभाग के लिए अपने साथ अटैच किया है. इसके अलावा मुख्य संसदीय सचिव सुंदर सिंह ठाकुर को परिवहन विभाग में उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री के साथ अटैच किया गया है. सुंदर सिंह ठाकुर के पास ऊर्जा, वन और पर्यटन विभाग में भी अटैच किया गया है. यह तीनों विभाग फिलहाल मुख्यमंत्री के पास ही हैं. संजय अवस्थी, सुंदर सिंह ठाकुर के अलावा किशोरी लाल, आशीष बुटेल, मोहनलाल ब्राक्टा और रामकुमार को मुख्य संसदीय सचिव बनाया गया है. शेष चार मुख्य संसदीय सचिवों को भी जल्द कैबिनेट मंत्रियों के साथ अटैच किया जाएगा.