Sukhvinder Singh Sukhu: हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार और केंद्र सरकार के बीच खटास बढ़ती हुई नजर आ रही है. हिमाचल प्रदेश सरकार ने मेडिकल डिवाइस पार्क के लिए केंद्र सरकार की ओर से मिली 30 करोड़ की मदद को वापस लौटने का फैसला ले लिया है. 


मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू दिल्ली में हैं, लेकिन शनिवार को होने वाली नीति आयोग की बैठक में हिस्सा लेेंगे या नहीं यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है. 


 ऐसा करने के पीछे राज्य सरकार ने अपने हितों के संरक्षण का तर्क दिया है. यह मेडिकल डिवाइस पार्क 265 एकड़ की भूमि में 350 करोड़ रुपये की लागत से तैयार होना है. तत्कालीन जयराम सरकार के वक्त मोदी सरकार की ओर से हिमाचल प्रदेश को मेडिकल डिवाइस पार्क की सौगात मिली थी. अब हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने नालागढ़ में मेडिकल डिवाइस पार्क अपने संसाधनों से बनाने का निर्णय किया है.


अपने हितों को बचाना चाहती है राज्य सरकार


राज्य सरकार की ओर से तर्क दिया जा रहा है कि मेडिकल डिवाइस पार्क में बनने वाले ज्यादातर उपकरण राज्य से बाहर बेचे जाएंगे, लेकिन इससे भी राज्य के खजाने को एनएसजीएसटी के कारण प्रत्यक्ष नुकसान होगा. इस वजह से राज्य सरकार ने इन शर्तों से मुक्त होने का निर्णय लिया है. 


इससे जमीन और अन्य संसाधनों की बिक्री से ही राज्य को आने वाले 5-7 सालों में 500 करोड़ रुपये का फायदा होने की उम्मीद है. अब राज्य सरकार मेडिकल डिवाइस पार्क में आने वाले उद्योगों को अपनी उद्योग नीति के अनुसार प्रोत्साहन प्रदान करेगी.


राज्य के खजाने को बचाने का तर्क


हिमाचल प्रदेश सरकार अगर इस राशि को वापस नहीं करती तो राज्य को कई आर्थिक नुकसान होंगे. राज्य सरकार को उद्योगपतियों को भूमि एक रुपये प्रति वर्ग मीटर, बिजली 3 रुपये प्रति यूनिट के अलावा दस वर्षों तक पानी, रखरखाव और गोदाम की सुविधा बिना किसी शुल्क के प्रदान करनी पडे़गी. राज्य सरकार अगर केंद्र सरकार की राशि नहीं लौटाते हैं, तो उद्योगपतियों को अनिवार्य प्रोत्साहन देने पड़ेंगे. इससे राज्य के खजाने पर बहुत अधिक बोझ पड़ेगा और सरकार को राजस्व को घाटा होगा.


अपने संसाधनों को नहीं लूटने देंगे


मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य के संसाधनों को किसी भी कीमत पर लूटने नहीं देगी. इन संसाधनों पर हिमाचल प्रदेश के लोगों का हक है और प्रदेशवासियों के हितों की रक्षा के लिए राज्य सरकार हर कदम उठाएगी. उन्होंने कहा कि प्रदेश के हितों की रक्षा के लिए विभिन्न मोर्चों पर हक की लड़ाई लड़ी जा रही है. इसी दिशा में कदम उठाते हुए राज्य सरकार ने मेडिकल डिवाइस पार्क भी स्वयं बनाने का निर्णय लिया है.


कलस्टर विकास योजना के तहत सिडबी से लेंगे लोन


मेडिकल डिवाइस पार्क के निर्माण के लिए राज्य सरकार क्लस्टर विकास योजना के तहत सिडबी से लोन लेगी. अब परियोजना में फेरबदल करते हुए 25 फ़ीसदी भूमि विशेष रूप से चिकित्सा उपकरण उद्योगों के लिए और 75 फ़ीसदी अन्य रणनीति उद्योगों को दी जाएगी. इससे क्षेत्र में औद्योगिक विकास सुनिश्चित होगा. राज्य सरकार प्रदेश में उद्योगों को बढ़ावा दे रही है. उद्योगपतियों को उनके कारोबार में हर संभव सहायता दी जा रही है. आने वाले समय में भी राज्य सरकार उद्योगपतियों को प्रदेश में निवेश के लिए प्रोत्साहित करने की कोशिश जारी रखेगी.