(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Himachal Government: हिमाचल सरकार ने तबादलों पर लगाई रोक, जानिए अब किस शर्त पर होगा ट्रांसफर?
हिमाचल प्रदेश के मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना की ओर से एक आदेश जारी किया गया है. विभिन्न विभागों को चिट्ठी भेजकर सरकार ने आगामी आदेशों तक ट्रांसफर पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाने के लिए कहा गया है.
Himachal News: हिमाचल प्रदेश सरकार ने सरकारी विभागों में होने वाले तबादलों पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा दिया है. इस बाबत हिमाचल प्रदेश के मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना की ओर से आदेश भी जारी कर दिए गए हैं. आदेशों की प्रति सभी विभागों के प्रशासनिक सचिवों, विभाग अध्यक्षों, जिला उपायुक्तों और उपमंडल आयुक्तों को भी भेज दी गई है. सरकार ने आगामी आदेशों तक ट्रांसफर पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाने के लिए कहा है.
बिना मुख्यमंत्री के अनुमति के नहीं होंगी ट्रांसफर
मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि हिमाचल प्रदेश सरकार के कर्मचारी केवल विशेष मामले में ही ट्रांसफर करवा सकेंगे. इसके लिए भी उन्हें मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से विशेष अनुमति लेनी होगी. विशेष मामलों में जनजातीय इलाकों में अधिकारियों और कर्मचारियों की पोस्टिंग, रिटायरमेंट, प्रमोशन और नया पद सृजित करने की अनुमति दी जा सकेगी. इसके अलावा जहां अनुशासनात्मक कार्रवाई, विजिलेंस के मामले और आपराधिक कार्रवाई इत्यादि के मामले होंगे. वहां मुख्यमंत्री की अनुमति के बाद तबादले किए जा सकेंगे. बिना मुख्यमंत्री के आदेशों के कोई तबादले नहीं किए जाएंगे. आदेशों में स्पष्ट किया गया है कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के आदेशों के बिना कोई ट्रांसफर नहीं होगा.
राज्य सचिवालय पर रहता है ट्रांसफर के दबाव
गौरतलब है कि ट्रांसफर एक नियमित प्रक्रिया है. सभी विभागों में लगातार अधिकारियों और कर्मचारियों की ट्रांसफर होती रहती है. आये दिन राज्य सचिवालय में भी ट्रांसफर कराने के लिए कर्मचारियों की भीड़ लगी रहती है. सबसे ज्यादा ट्रांसफर के मामले में शिक्षा विभाग में आते हैं. एक दिलचस्प बात यह भी है कि आये दिन हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में भी ट्रांसफर से जुड़े मामले सुनवाई के लिए आते रहते हैं.
सरकार के आदेशों की नहीं हो रही अनुपालना
मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना की तरफ से सभी प्रशासनिक अधिकारियों, विभागाध्यक्षों, मंडलायुक्तों, उपायुक्तों, निगमों-बोर्डों के प्रबंध निदेशकों को चिट्ठी भेजी गई है. चिट्ठी में कहा गया है कि सरकार के आदेशों की ठीक से अनुपालना नहीं की जा रही है. कई अधिकार लंबे समय से एक ही जगह पर टिके हुए है. जबकि तीन साल के बाद तबादला किया जा सकता है.
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