Illegal Liquor Activities in Himachal Pradesh: अवैध और नकली शराब बनाने के धंधे में संलिप्त लोगों पर लगाम कसने के लिए प्रदेश सरकार सख्त कार्रवाई की दिशा में आगे बढ़ रही है. अवैध और नकली शराब के मामलों में संपत्ति जब्त करने का प्रावधान बनाने वाला हिमाचल प्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है.


हाल ही में हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान हिमाचल प्रदेश आबकारी अधिनियम- 2011 में संशोधन कर इस तरह की गैर कानूनी गतिविधियों में शामिल आरोपियों पर नकेल कसने के लिए यह प्रावधान किए गए हैं.


नाबालिगों की संलिप्तता को लेकर सरकार चिंतित 


हिमाचल प्रदेश में नाबालिगों को शराब बेचना और शराब बेचने के लिए उनका इस्तेमाल करना भी बहुत गंभीर मसला है. इसे लेकर सरकार चिंतित है. इसके समाधान के लिए नए कानून में अब अपराधियों को दंड और जुर्माना दोनों का प्रावधान किया गया है. अपराधियों को छह महीने जेल की सजा और 50 हजार तक का जुर्माना किया जा सकता है. इन प्रावधानों को प्रभावशाली तरीके से लागू करने के लिए प्रवर्तन एजेसियों (Enforcement Agencies) को मजबूत किया जा रहा है. इस तरह के मामलों के जल्द निपटारे के लिए आबकारी पुलिस फोर्स के गठन का भी प्रावधान किया गया है.


संशोधन में संपत्ति जब्त करने का प्रावधान


मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण संशोधन अवैध गतिविधियों में शामिल लोगों, उनके रिश्तेदारों और सहयोगियों की संपत्ति को जब्त करने की मंजूरी देता है. इससे पहले अधिनियम में इस तरह का कोई प्रावधान नहीं था.


हिमाचल प्रदेश इस प्रावधान को लागू करने वाला देश का पहला राज्य है. इसके अलावा इस कानून की प्रभावशीलता को बढ़ाने के लिए इन अपराधों को अब गंभीर और गैर-जमानती बना दिया गया है. नए प्रावधान अवैध शराब के धंधे जैसी गतिविधियों को कंट्रोल करने में मददगार साबित होंगे. नए संशोधनों में अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत जुर्माने और सजा को भी बढ़ाया गया है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार 1 हजार 200 से अधिक पुलिस कर्मियों की भर्ती कर रही है.


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