Himachal Pradesh Employees Salary: हिमाचल प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों को सितंबर महीने में वेतन देरी से मिला. पहली बार कर्मचारियों के खाते में वेतन की राशि पहली तारीख को नहीं आयी. इसी तरह की परेशानी पेंशनधारियों को भी झेलनी पड़ी. रिटायर्ड कर्मचारियों को भी पेंशन के लिए 10 तारीख तक का इंतजार करना पड़ा. अक्टूबर महीने में मिलने वाली तनख्वाह और पेंशन को लेकर भी चिंता देखी जा रही थी. अब राज्य सरकार ने पहले ही रुख स्पष्ट कर दिया है. 


वित्त विभाग की ओर से सरकारी खजाने में होने वाले कैश फ्लो की समीक्षा करने के बाद फैसला लिया गया है. फैसले के मुताबिक सरकारी कर्मचारियों को सितंबर महीने का वेतन 1 अक्तूबर और पेंशन 9 अक्तूबर को मिलेगा. सितंबर महीने में सरकारी कर्मचारियों का वेतन 5 सितंबर और पेंशनर्स का पेंशन 10 सितंबर को आया था.


राज्य सरकार कर रही संतुलन स्थापित करने के दावे


मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने कहा कि राज्य सरकार के पास आने वाले धन और खर्चे में असंतुलन को कम कर कोशिश की जा रही है कि लोन सही समय पर लिया जाए. लोन पर दिये जाने वाले ब्याज पर कम से कम खर्च हो. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विधानसभा के मानसून सत्र में स्पष्ट किया था कि सितंबर महीने की सैलरी के लिए वित्तीय स्थिति का आकलन किया जायेगा. वित्तीय स्थिति का आकलन करने के बाद 28 या 29 सितंबर को फैसला लिया जाएगा. 


केंद्रीय करों में हिस्सेदारी के रूप में 740 करोड़ रुपये


मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बताया था कि केंद्र सरकार से राज्य को रिवेन्यू डिफिसिट ग्रांट- RDG हर महीने की 6 तारीख को मिलता है. इसके अलावा हर महीने की 10 तारीख को केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी के रूप में 740 करोड़ रुपये आता है. कर्मचारियों को वेतन और पेंशनर्स को पेंशन देने के लिए राज्य सरकार को 7.5 फीसदी की ब्याज दर से पहले ही लोन लेना पड़ता है. इससे राज्य सरकार हर महीने तीन करोड़ रुपये और हर साल 36 करोड़ रुपये की बचत करेगी.


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