Himachal Pradesh News: देश भर में हिमाचल प्रदेश को उसकी प्राकृतिक खूबसूरती, प्राचीन मंदिरों के साथ मीठे सेब के लिए भी जाना जाता है. हिमाचल प्रदेश में सेब का कारोबार पांच हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का है.
यहां के करीब दो लाख परिवारों का रोजगार सेब बागवानी से जुड़ा हुआ है. हिमाचल प्रदेश में सेब सीजन की शुरुआत हो चुकी है. इस बार सेब का सीजन कई मायनों में अलग है. सेब की बिक्री इस बार टेलीस्कोपिक कार्टन की जगह यूनिवर्सल कार्टन में हो रही है.
सेब बागवान क्यों हैं परेशान?
इसके अलावा हिमाचल प्रदेश की ऊंचाई वाले इलाकों में सूखे जैसी स्थिति और सेब के फल में लगी बीमारी की वजह से बाग मालिकों को परेशानी का सामना करना पड़ा. इस बार सेब की गुणवत्ता भी अपेक्षा के मुताबिक नजर नहीं आ रही है.
इसके अलावा सेब बागवान यूनिवर्सल कार्टन में सेब की बिक्री से कुछ परेशान नजर आ रहे हैं. हालांकि अभी यूनिवर्सल कार्टन की शुरुआत ही है. ऐसे में आम लोगों के साथ बागवानों और व्यापारियों को इसे अपनाने आने में कुछ वक्त लग सकता है.
'टेलीस्कोपिक कार्टन में होनी चाहिए बिक्री'
शिमला की भट्टाकुफ्फर मंडी में बागवान अपना सेब यूनिवर्सल कार्टन में लेकर पहुंच रहे हैं. रोहडू से अपना सेब बेचने के लिए पहुंचे सेब बागवान डॉ. संग्राम सिंह ने बताया कि यूनिवर्सल कार्टन में सेब लाने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
उन्होंने बताया कि पहले इस्तेमाल होने वाले टेलीस्कोपिक कार्टन में डबल गत्ते का इस्तेमाल होता था, लेकिन अब यूनिवर्सल कार्टन में सिंगल गत्ता ही इस्तेमाल में लाया जा रहा है. इसकी वजह से यह यूनिवर्सल कार्टन सेब का भार संभाल नहीं पा रहा है.
सेब बागवान डॉ. संग्राम सिंह के मुताबिक, इसके अलावा यूनिवर्सल कार्टन के लिए ग्रेडिंग करने में भी बागवान परेशान हो रहे हैं. ऐसे में सरकार को चाहिए कि पहले की तरह टेलीस्कोपिक कार्टन में ही सेब की बिक्री की जाए.
'यूनिवर्सल कार्टन में हो अच्छे गत्ते का इस्तेमाल'
सेब मंडी में पहुंचे आढ़ती ने बताया कि टेलीस्कोपिक कार्टन की जगह इस बार यूनिवर्सल कार्टन में सेब की बिक्री की जा रही है. यूनिवर्सल कार्टन को गलत नहीं ठहराया जा सकता. इसके लिए यह जरूरी है कि यूनिवर्सल कार्टन की पेटी में भी अच्छी गुणवत्ता के गत्ते का इस्तेमाल किया जाए. अगर गत्ते की गुणवत्ता अच्छी होगी, तो यूनिवर्सल कार्टन सेब का भार सहने की क्षमता वाला होगा.
पहली बार होगा यूनिवर्सल कार्टन का इस्तेमाल
हिमाचल प्रदेश सरकार ने सेब की बिक्री के लिए यूनिवर्सल कार्टन तय किया है. यूनिवर्सल कार्टन की क्षमता 20 किलो प्रति पेटी है. इससे सेब बागवानों को प्रति किलो के हिसाब से अपने सेब के दाम मिलने का दावा है.
इससे पहले बाजार में टेलीस्कोपिक कार्टन का इस्तेमाल होता रहा है. टेलीस्कोपिक कार्टन में बागवानों पर दबाव बनाकर उनसे पेटी में ट्रे की संख्या बढ़ाई जाती थी. पेटी में ट्रे की संख्या बढ़ने से उसमें अतिरिक्त सेब जाता था.
इस प्रकिया में पेटी के दाम वजन के साथ नहीं बढ़ते थे. इससे बागवानों को नुकसान झेलना पड़ता था. अब यूनिवर्सल कार्टन में बागवानों को प्रति किलो के हिसाब से सेब के दाम मिलेंगे. हालांकि यह पहली बार है, जब यूनिवर्सल कार्टन में सेब की बिक्री हो रही है.
बागवानी मंत्री ने प्रशासन को दिया सख्त आदेश
हिमाचल प्रदेश के बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा है कि राज्य सरकार आगामी सेब सीजन के दौरान फल उत्पादकों को लाभ पहुंचाने के लिए यूनिवर्सल कार्टन की शुरूआत सुनिश्चित कर रही है. हिमाचल प्रदेश सेब उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है.
उन्होंने कहा कि यह राज्य की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देता है. सेब सीजन के महत्व को देखते हुए राज्य सरकार सेब सीजन को सफल बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोडे़गी. सभी हितधारकों के लाभ के लिए राज्य में यूनिवर्सल कार्टन का उपयोग किया जाएगा.
'सेब बागवानों के हित में हो रहा काम'
जगत सिंह नेगी ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से सेब उत्पादकों से किए गए वायदे को पूरा करने के लिए पिछले साल वजन (किलोग्राम) के हिसाब से सेब की बिक्री शुरू की गई थी. उन्होंने फल व्यापारियों के पंजीकरण और उनको लाइसेंस देने के साथ फल उत्पादकों को समय पर भुगतान करने पर भी बल दिया.
नए बदलाव को लेकर मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से किलोग्राम और किलोमीटर के आधार पर सेब के परिवहन के लिए माल ढुलाई शुल्क निर्धारित करने के निर्देश दिए गए हैं.
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