Shimla News: हेलीकॉप्टर भले ही आसमान में उड़ता हो, लेकिन हमेशा से ही हिमाचल प्रदेश की राजनीति के केंद्र में रहा है. विपक्ष में रहते हुए कांग्रेसी लगातार तत्कालीन मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को 'हेलीकॉप्टर वाला मुख्यमंत्री' बताती थी. अब हिमाचल प्रदेश सरकार के मौजूदा हेलीकॉप्टर की लीज खत्म होने जा रही है. ऐसे में सरकार ने इसके लिए नए टेंडर आवेदन मांगे हैं. प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार अब हेलीकॉप्टर के साथ एयरक्राफ्ट की सेवाएं भी लेने जा रही है. एक तरफ सरकार आर्थिक बदहाली की बात कर रही है. दूसरी तरफ एयरक्राफ्ट की सेवाएं हिमाचल प्रदेश की आर्थिक स्थिति पर अतिरिक्त बोझ डालने का काम करेंगी. हिमाचल प्रदेश सरकार हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल मुख्यमंत्री के दौरे और दूरदराज के इलाकों से मरीजों को एयरलिफ्ट करने के लिए करती है.

 

एयरक्राफ्ट की सेवा भी लेगी सुक्खू सरकार

 

बताया जा रहा है कि इस एयरक्राफ्ट का इस्तेमाल बाहरी राज्यों से आने-जाने के लिए किया जाएगा. प्रदेश सरकार ने हेलीकॉप्टर को लीज पर लेने के लिए आदेश जारी किए हैं. इसी टेंडर में एयरक्राफ्ट की बात को भी जोड़ा गया है. सामान्य प्रशासन की ओर से जारी आदेशों में कहा गया है कि सरकार वही हेलीकॉप्टर लेगी, जो कंपनी स्पर्धात्मक दरों पर सरकार को हेलीकॉप्टर उपलब्ध करवाएगी. सरकार ने स्पष्ट किया है कि वह 15 साल से पुराने हेलीकॉप्टर को इस्तेमाल में नहीं लेगी. इसके अलावा टेंडर प्रक्रिया पूरी करने वाली कंपनी को हेलीकॉप्टर और एयरक्राफ्ट उपलब्ध करवाने के लिए 5 से 6 महीने का नहीं बल्कि सिर्फ 15 दिन का समय दिया जाएगा.

 

30 अप्रैल को खत्म हो रहा है कंपनी का ठेका

 

राज्य सरकार हिमाचल प्रदेश से बाहर जाने के लिए फिक्स विंग एयरक्राफ्ट की सेवाएं लेगी. मौजूदा वक्त में हिमाचल प्रदेश सरकार के पास अगस्ता वेस्टलैंड कंपनी का हेलीकॉप्टर है. यह छोटा हेलीकॉप्टर 6 सीटर है. इस कंपनी का ठेका 30 अप्रैल को खत्म होने जा रहा है. अब प्रदेश सरकार एक बड़ा हेलीकॉप्टर लेगी, ताकि उसमें ज्यादा संख्या में यात्री सवार हो सकें. तत्कालीन मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने दावा करते रहे हैं कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने देश भर में सबसे सस्ता हेलीकॉप्टर लीज पर लेने का काम किया था. इसके अलावा अब मौजूदा सुक्खू सरकार का एयरक्राफ्ट भी हिमाचल प्रदेश सरकार के हवाई बेड़े में शामिल होगा. हालांकि हेलीकॉप्टर और एयरक्राफ्ट दोनों ही सरकार लीज पर लेगी.

 

कर्ज के बोझ तले दबा है हिमाचल

 

सरकार के सदन में दिए गए जवाब से पता चलता है कि हिमाचल पर अब तक 71 हजार 082 करोड़ रुपये का कर्ज है. मौजूदा समय में हिमाचल पर औसतन 95 हजार 374 रुपये प्रति व्यक्ति कर्ज़ है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की ओर से सदन में दिए गए जवाब के मुताबिक हिमाचल प्रदेश सरकार ने विभिन्न एजेंसियों से वर्ष 2020-21 में 7 हज़ार 295 करोड़ रुपये का कर्ज लिया. इसके अलावा 2021-22 में 5 हजार 500 करोड़ और 2023-24 में 10 हजार 294 करोड़ रुपये का का कर्ज लिया गया. पिछले तीन साल में कुल 23 हजार 185 करोड़ रुपये के कर्ज का बोझ प्रदेश पर लाद दिया गया.