Himachal Pradesh News: नई दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन ने शुक्रवार को हाटी समुदाय के प्रतिनिधियों से हुई मुलाकात की तस्वीरें जारी कर दी हैं. राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी इन तस्वीरों को हाटी समुदाय ने यादगार करार दिया है. इसके लिए हाटी योद्धाओं ने देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Droupadi Murmu)  का विशेष आभार जताया. सिरमौर के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है, जब हाटी समुदाय ने बड़ी मांग को लेकर राष्ट्रपति से मुलाकात की हो. सिरमौर हाटी विकास मंच ने इन तस्वीरों के लिए राष्ट्रपति का आभार जताते हुए इसे गौरवान्वित करने वाला ऐतिहासिक पल करार दिया है.


हाटी मंच के अध्यक्ष एवं रिसर्च स्कॉलर प्रदीप सिंह सिंगटा, मुख्य सलाहकार एवं प्रवक्ता डॉ. रमेश सिंगटा ने कहा कि तीन लाख लोगों के सहयोग से आंदोलन निर्णायक मोड़ तक पहुंचा. उन्होंने हाटी समुदाय को जनजातीय दर्जा दिलाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर समेत बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व का आभार जताया है. उन्होंने उम्मीद जताई कि मोदी सरकार संशोधित विधेयक को आगामी सत्र में राज्यसभा से भी पारित करवा देगी.


हाटी मंच ने किया शांतिपूर्ण आंदोलन
देश में हाटी समुदाय ऐसा पहला समुदाय है, जहां बसने वाले लोगों ने शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन चलाया था और महाखुमलियों के माध्यम से अनूठी मिसाल कायम की. पिछले साल अप्रैल महीने में रजिस्टार जनरल ऑफ इंडिया ने हाटी को पंजीकृत किया. इसके बाद 14 सितंबर महीने में केंद्रीय कैबिनेट ने हाटी को एसटी का दर्जा दिलाने का ऐतिहासिक फैसला लिया. इसके बाद 18 दिसंबर को लोकसभा से संशोधित विधेयक को पारित करवाया गया. इसके बाद राज्यसभा से भी इसे पारित करवाने के केंद्र सरकार ने भरसक प्रयास किए, लेकिन पिछला संसद सत्र हंगामे की भेंट चढ़ने के कारण विधेयक पारित नहीं हो पाया.


20 अप्रैल को राष्ट्रपति से की मुलाकात
इसी संबंध में 20 अप्रैल को हाटी विकास मंच के पदाधिकारियों का एक प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिला था. यह मुलाकात हाटी समुदाय के लिए बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही थी. यह पल समुदाय के लिए बेहद गौरवान्वित करने वाले रहे. देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात करने वाले प्रतिनिधिमंडल में हाटी योद्धा प्रदीप सिंगटा, डॉ. रमेश सिंगटा, अतर सिंह, कपिल चौहान, मदन तोमर, गोपाल ठाकुर, श्याम चौहान,गोविंद राणा शामिल थे.



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