Martyr Suresh Kumar Himachal Pradesh: हिमाचल प्रदेश के रहने वाले हवलदार सुरेश कुमार ने राष्ट्र सेवा के दौरान सर्वोच्च बलिदान दिया. सुरेश कुमार 18, डोगरा रेजीमेंट में भर हवलदार अपनी सेवाएं दे रहे थे. वे जिला मंडी के तहसील सदर के बग्गी तुंगल गांव के निवासी थे.
हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी के हवलदार सुरेश कुमार का गुरुवार को सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार हुआ. सुरेश कुमार की धर्मपत्नी धनी देवी ने गर्व के साथ सेल्यूट कर आखिरी विदाई दी. हवलदार सुरेश कुमार की बलिदान होने की जानकारी मिलने के बाद से ही प्रदेश भर में शोक की लहर है.
बीते दिनों नायब सूबेदार राकेश कुमार हुए थे बलिदान
बैटल फील्ड में ड्यूटी के दौरान उनके अचानक तबियत बिगड़ने की वजह से वह इस संसार को छोड़कर चले गए. हवलदार सुरेश कुमार की उम्र 42 साल थी और वे बीते 25 सालों से भारतीय सेवा में अपनी सेवाएं दे रहे थे. चार दिन पहले ही जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में आतंकियों से मुठभेड़ में नायब सूबेदार राकेश कुमार बलिदान हुए थे.
वे मंडी जिला के नाचन विधानसभा क्षेत्र की छम्यार पंचायत के बरनोग गांव के रहने वाले थे. राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने बलिदानी हवलदार सुरेश कुमार के बलिदान पर शोक व्यक्त किया है.
सर्वोच्च बलिदान को राष्ट्र सदैव रखेगा याद
शोक संतप्त परिजनों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि हवलदार सुरेश कुमार के सर्वोच्च बलिदान को राष्ट्र सदैव याद रखेगा और वह सभी के लिए प्रेरणास्रोत रहेंगे. वहीं मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि शोक की इस घड़ी में पूरा राज्य शोक संतप्त परिवार के सदस्यों के साथ खड़ा है.
उन्होंने कहा कि सुरेश कुमार के अदम्य साहस और बलिदान को कृतज्ञ राष्ट्र हमेशा याद रखेगा. मुख्यमंत्री ने ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति और शोक संतप्त परिवार को इस अपूर्णीय क्षति को सहन करने की प्रार्थना की है.
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