Himachal News: हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के तीन न्यायाधीशों ने आज पद व गोपनीयता की शपथ ली. प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने शिमला स्थित राजभवन में तीनों न्यायाधीशों को पद व गोपनीयता की शपथ दिलवाई. कार्यक्रम सुबह 9:30 पर शुरू हुआ. हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में अब मुख्य न्यायाधीश के साथ न्यायाधीशों की कुल संख्या 12 हो गई है. हिमाचल उच्च न्यायालय में अब भी 5 न्यायाधीशों के पद रिक्त पड़े हुए हैं.
वहीं हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में मौजूदा वक्त में 94 हजार 627 केस लंबित हैं. इन 12 न्यायाधीशों पर ही इन लंबित केसों का जल्द से जल्द निपटारा करने का की जिम्मेदारी है.
कौन हैं न्यायमूर्ति रंजन शर्मा?
न्यायमूर्ति रंजन शर्मा का जन्म 21 अगस्त, 1968 को हुआ. वे धर्मशाला के रहने वाले हैं. उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा सरकारी स्कूल से की. रोहतक विश्वविद्यालय से एलएलबी में स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया. उन्हें दिसंबर, 1991 में वकील के रूप में नामांकित किया गया और मार्च, 2019 में वे वरिष्ठ वकील के रूप में नामित किया गया. उन्हें साल 2008 और साल 2018 में दो बार अतिरिक्त महाधिवक्ता के रूप में भी कार्यभार दिया गया था. रंजन शर्मा ने कानून के विभिन्न क्षेत्रों में अभ्यास किया है.
किन्नौर जिले के रहने वाले है न्यायमूर्ति बिपिन चंद्र नेगी
न्यायमूर्ति बिपिन चंद्र नेगी (Bipin Chandra Negi) का जन्म जिला किन्नौर के शॉन्ग गांव की सांगला तहसील में हुआ. उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा सेंट एडवर्ड स्कूल, शिमला और दिल्ली पब्लिक स्कूल, आरके पुरम, नई दिल्ली से की. इसके बाद उन्होंने श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स, दिल्ली विश्वविद्यालय से की. बीए अर्थशास्त्र (ऑनर्स) और हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से एलएलबी की. साल 1994 में उन्हें वकील के रूप में नामांकित किया गया और साल 2015 में वरिष्ठ वकील के रूप में नामित किया गया. बिपिन चंद्र नेगी ने कानून के विभिन्न क्षेत्रों में अभ्यास किया है.
हिमाचल न्यायिक सेवा परीक्षा में पहले स्थान पर रहे थे राकेश कैंथला
न्यायमूर्ति राकेश कैंथला (Rakesh Kainthla) का जन्म 23 मई, 1968 को शिमला में हुआ था. उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा डी.ए.वी. स्कूल, लक्कड़ बाज़ार से की. उनकी स्नातक की पढ़ाई संजौली कॉलेज से हुई. इसके बाद उन्होंने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से की. साल 1991 में वे वकील के रूप में नामांकित हुए और कानून के विभिन्न क्षेत्रों में अभ्यास किया. न्यायमूर्ति राकेश कैंथला ने साल 1995 में हिमाचल न्यायिक सेवा परीक्षा में प्रथम स्थान हासिल किया. वे साल 2010 में न्यायिक अधिकारियों की सीमित प्रतियोगी परीक्षा में फिर से प्रथम स्थान पर रहे और अतिरिक्त के रूप में नियुक्त हुए. उन्होंने हिमाचल प्रदेश में विभिन्न सिविल एवं सत्र प्रभाग में न्यायिक अधिकारी के रूप में कार्य किया है. न्यायाधीश के रूप में पदोन्नति से राकेश कैंथला मंडी में जिला एवं सत्र न्यायाधीश रहे हैं.
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