Himachal Pradesh News Today: हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार की परेशानी एक बार फिर बढ़ गई है. JOA-IT 817 के अभ्यर्थियों ने राज्य चयन आयोग के बाहर तंबू लगाकर क्रमिक अनशन की शुरुआत कर दी है. 


अभ्यर्थी लंबित परीक्षा परिणाम घोषित करने की मांग कर रहे हैं. हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में भी रिजल्ट घोषित करने को मंजूरी मिल चुकी है. यह मंजूरी इसी साल 14 मार्च को दी गई थी, लेकिन चार महीने बीतने के बाद भी रिजल्ट घोषित नहीं हो सका है.


शिमला में भी हुआ था क्रमिक अनशन
JOA-IT 817 के अभ्यर्थी सौरभ शर्मा, नीरज ठाकुर, राहुल, सुमित धीमान, लवनीश वर्मा और अरुण पंवार ने बताया कि लंबे वक्त से सभी अभ्यर्थी परीक्षा परिणाम घोषित करने की मांग उठा रहे हैं. लोकसभा चुनाव से पहले भी अभ्यर्थियों ने शिमला में क्रमिक अनशन कर परीक्षा परिणाम घोषित करने की मांग थी. 


राज्य में लोकसभा चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता लागू हो गई, इसकी वजह से क्रमिकों ने अनशन को खत्म कर दिया था. तब से लेकर अब तक सिर्फ सभी अभ्यर्थी परीक्षा परिणाम घोषित करने की उम्मीद लगाए बैठे हुए हैं.


'सरकार बदली पर अभ्यर्थियों के हालात नहीं' 
सर्दियों के मौसम में भी अभ्यर्थियों को अपना घर-परिवार छोड़कर खुले में अनशन करना पड़ा था. दूसरी तरफ एक बार फिर अभ्यर्थी क्रमिक अनशन पर बैठने के लिए मजबूर हैं. 


सौरभ भंडारी ने कहा कि राज्य में सरकार तो बदलती है, लेकिन अभ्यर्थियों के हालात बदलने का नाम नहीं ले रहे हैं. चार साल से यह परीक्षा परिणाम घोषित नहीं हो रहा है और इससे अभ्यर्थी परेशान हैं. बेरोजगार होने की वजह से युवाओं पर दबाव बढ़ रहा है.


JOA-IT 817 में कुल 1 हजार 867 पोस्ट
साल 2020 में सितंबर के महीने में JOA-IT 817 की भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई थी. साल 2021 में 21 मार्च को लिखित परीक्षा हुई. कुल 2 लाख 17 हजार 403 अभ्यर्थियों ने इसका फॉर्म भरा और 1 लाख 73 हजार 810 बच्चों ने लिखित परीक्षा दी. 


इसके बाद करीब 19 हजार अभ्यर्थी टाइपिंग टेस्ट तक पहुंचे. टाइपिंग टेस्ट के बाद करीब 5 हजार 600 अभ्यर्थियों ने अपना डॉक्यूमेंट वेरीफाई करवा चुके हैं. JOA-IT 817 में कुल 1 हजार 867 पोस्ट हैं.


सुप्रीम कोर्ट से भी मिल चुके हैं आदेश
इस संबंध में 9 नवंबर 2023 को सुप्रीम कोर्ट का भी जजमेंट आ चुका है. इस जजमेंट में सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच ने साल 2020 के नियमों के मुताबिक भर्ती प्रक्रिया पूरी करने के आदेश दिए थे. 


सुप्रीम कोर्ट से लड़ाई जीतने और राज्य सरकार की ओर से मंजूरी मिल जाने के बाद भी अभ्यर्थियों को उम्मीद थी जल्द परिणाम घोषित किए जाएंगे, इसके उलट लंबित परीक्षा परिणाम अभी तक घोषित ही नहीं किया गया. 


अभ्यर्थियों का कहना है कि जब तक उनके परीक्षा परिणाम घोषित नहीं होंगे, वह इसी तरह यहां पर क्रमिक अनशन पर बैठे रहेंगे. अभ्यर्थियों के दोबारा अनशन करने से सुक्खू सरकार की मुश्किलें बढ़ गई हैं.


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