Himachal Lok Sabha Elections 2024: हिमाचल प्रदेश में सातवें और आखिरी चरण में लोकसभा के चुनाव है. मंडी संसदीय क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी कंगना रनौत और कांग्रेस प्रत्याशी विक्रमादित्य सिंह के बीच मुकाबला है. विक्रमादित्य सिंह लगातार चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं. कहते हैं कि राजनीति में संकेतों की अहम भूमिका होती है. अब विक्रमादित्य सिंह ने भी लोकसभा चुनाव में प्रचार को लेकर एक बड़ा और स्पष्ट संकेत दिया है. विक्रमादित्य सिंह के पोस्टर में अब पिता वीरभद्र सिंह की एंट्री भी हो चुकी है.


छह बार प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे वीरभद्र सिंह का निधन हो जाने के बाद भी हिमाचल प्रदेश की सियासत में ऊंचा कद है. यही वजह है कि विक्रमादित्य सिंह ने पोस्टर में अपने पिता की तस्वीर का इस्तेमाल किया है. इस पोस्टर को विक्रमादित्य सिंह ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल से साझा किया है.


राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की तस्वीर गायब
मंडी संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी विक्रमादित्य सिंह के पोस्टर में सबसे ऊपर वीरभद्र सिंह की एक बड़ी तस्वीर लगाई गई है. पोस्टर में दाएं तरफ नीचे की ओर विक्रमादित्य सिंह की भी बड़ी तस्वीर है. इसके अलावा इस पोस्टर में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी, हिमाचल कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला, महासचिव प्रियंका गांधी, हिमाचल कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री की छोटी तस्वीरों का इस्तेमाल किया गया है. इस पोस्टर में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को स्थान नहीं मिला है.


2021 के उपचुनाव में भी हुआ था नाम का इस्तेमाल
यह पहली बार नहीं है, जब वीरभद्र सिंह के नाम पर चुनाव लड़ने की कोशिश की जा रही हो. साल 2021 में हुए उपचुनाव में भी मंडी संसदीय क्षेत्र में वीरभद्र सिंह के नाम पर चुनाव लड़ा गया था. साल 2021 का उपचुनाव प्रतिभा सिंह ने लड़ा और उनकी जीत में सहानुभूति लहर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. साल 2021 को चुनाव में भी प्रतिभा सिंह के लिए श्रद्धांजलि के नाम पर जनता से वोट मांगे गए थे.



वीरभद्र सिंह ने साल 1962 में लड़ा था पहला चुनाव
साल 1962 में वीरभद्र सिंह की राजनीति में एंट्री हुई और इसके बाद वीरभद्र सिंह का नाम अमर हो गया. साल 1962 में वीरभद्र सिंह ने पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ा. इसके बाद उन्हें केंद्र की राजनीति से प्रदेश की राजनीति में भेजकर साल 1983 में प्रदेश के मुखिया की कमान सौंपी गई. मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने इसी साल उपचुनाव में जीत हासिल की. साल 1983 से साल 2012 तक वीरभद्र सिंह छह बार हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री बने. साल 2012 से साल 2017 तक बतौर मुख्यमंत्री उनका आखिरी कार्यकाल रहा. वीरभद्र सिंह रोहड़ू, जुब्बल-कोटखाई, शिमला ग्रामीण और अर्की से चुनाव लड़े.


वीरभद्र सिंह की प्रासंगिकता बरकरार
साल 2017 में अर्की विधानसभा क्षेत्र से वीरभद्र सिंह ने आखिरी चुनाव लड़ा. 8 जुलाई 2021 को लंबी बीमारी के बाद वीरभद्र सिंह का निधन हो गया. इसके अलावा मंडी संसदीय क्षेत्र से भी उन्होंने लोकसभा का चुनाव लड़ा. साल 1962 में वीरभद्र सिंह ने पहली बार महासू सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ा था. भले ही वीरभद्र सिंह का देहांत हो गया हो, लेकिन हिमाचल प्रदेश की राजनीति में आज भी उनकी प्रासंगिकता बरकरार है. साल 2022 के हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने वीरभद्र सिंह का चेहरा आगे रखकर चुनाव लड़ा. इससे पहले साल 2021 के उपचुनाव में भी वीरभद्र सिंह की भावनात्मक लहर में ही कांग्रेस को 4-0 से जीत मिली थी.


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