Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश के जिला चंबा की चुराह विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के विधायक डॉ. हंसराज की परेशानी अब एक बार फिर बढ़ने वाली है. महिला कांग्रेस ने बीजेपी विधायक डॉ. हंसराज के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. कांग्रेस महिला कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष अलका लांबा ने शिमला में मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि बीजेपी विधायक हंसराज के खिलाफ कांग्रेस की महिलाएं एकजुट होने जा रही हैं और वे पीड़ित बेटी को न्याय दिलाकर रहेगी.


बेटी को न्याय दिलाने की लड़ाई


महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष अलका लांबा ने कहा कि देश भर में कांग्रेस की ओर से नई न्याय आंदोलन चलाया जा रहा है. इसी के तहत हिमाचल प्रदेश में भी महिलाओं के अधिकारों की लड़ाई कांग्रेस की महिला कार्यकर्ता लड़ेंगी. अलका लांबा ने कहा कि 20 साल की बेटी ने बीजेपी विधायक पर कई गंभीर आरोप लगाए. बाद में बेटी पर दबाव बनाया गया और उसे बयान वापस लेने के लिए कहा गया. उन्होंने कहा कि महिला कांग्रेस किसी भी बेटी के साथ अन्याय नहीं होने देगी.


राजीव भवन से विरोध मार्च की शुरुआत


मंगलवार सुबह 11 बजे राजीव भवन से विरोध मार्च की शुरुआत होगी और यह मार्च विधानसभा तक पहुंचेगी. महिला कांग्रेस की कार्यकर्ता मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से भी मुलाकात करेंगी और इस पूरे मामले में न्याय दिलाने की गुहार लगाएंगे.


अलका लांबा ने कहा कि वह बेटी को न्याय दिलाने की लड़ाई लड़ेंगे. अलका लांबा ने बताया कि कांग्रेस महिला कांग्रेस की ओर से देश भर में महिला न्याय आंदोलन चलाया जा रहा है. हिमाचल प्रदेश में भी आंदोलन चलाया जाएगा और विधायक हंसराज का विरोध इसी आंदोलन का भाग होगा. लांबा ने कहा कि वे हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार में महिला सुरक्षा और सरकार में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करवाने के लिए भी मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से बात करेगी.


क्या है पूरा मामला?


बता दें कि हिमाचल प्रदेश के जिला चंबा में चुराह विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी विधायक डॉ. हंसराज पर गंभीर आरोप लगे थे. यह आरोप किसी और ने नहीं, बल्कि बीजेपी के ही बूथ अध्यक्ष की बेटी ने लगाए थे. पीड़ित लड़की ने जिला चंबा के पुलिस अधीक्षक को इस मामले में शिकायत दी थी. इसके बाद चंबा पुलिस ने मामला दर्ज किया था. शिकायत देने वाली लड़की चुराह के नेरा गांव की रहने वाली है. चंबा पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 75 और 351 (2) के तहत मामला दर्ज किया था.


पीड़िता ने पुलिस को दी थी शिकायत


पीड़ित लड़की ने अपनी शिकायत में कहा था कि विधायक ने उन्हें चैटिंग में गलत शब्द कहे. लड़की का आरोप था कि विधायक ने उसे न्यूड फोटो मांगी. शिकायत में ही यह भी बताया गया था कि लड़की के पिता भारतीय जनता पार्टी के बूथ अध्यक्ष भी हैं. लड़की ने शिकायत में कहा कि पहले भी उसे कई बार गलत बोलने की कोशिश की गई. अगर विधायक को कभी कोई काम कहा जाता, तो वह पहले मिलने और फिर उनके कहने के मुताबिक काम करने के लिए कहते रहे हैं.


विधायक के कुछ नजदीकी कार्यकर्ताओं ने चैट डिलीट करने की धमकी भी दी थी. तब लड़की चुप रही. लड़की का कहना था कि अगर वे अब भी चुप रहेगी, तो आने वाले वक्त में भी गरीबों के साथ ऐसा ही होता रहेगा. ऐसे में भी इस मामले में न्याय चाह रही थी. उन्होंने कहा कि जो नेता 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' की बात करते हैं, वही बेटियों को ही प्रताड़ित कर रहे हैं. अगर लड़की और उसके परिवार को कुछ होता, है तो उसके जिम्मेदार भी यही होंगे.


बाद में बयान से पीछे हटी लड़की


लड़की ने अपने शिकायत पत्र में कहा है कि उसकी उम्र 20 साल है और वह विधायक की बेटी की उम्र की है. लड़की ने शिकायत में यह भी कहा कि उसके पास दो फोन थे. एक फोन को तोड़ दिया गया, ताकि सबूत को मिटाया जा सके. बता दें कि यह सभी बातें आरोप के तौर पर पीड़ित लड़की ने अपने शिकायत पत्र में कही हैं, जिसे पुलिस ने FIR में भी दर्ज किया था. गौर हो कि बाद में पीड़ित लड़की ने अपने बयान से कदम पीछे हटा लिए थे. पीड़ित लड़की ने कहा था कि वह दबाव में थी और दबाव में ही उसने ऐसा सब किया. वास्तव में विधायक ने उसके साथ ऐसी कोई हरकत नहीं की.


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