हिमाचल के इन चार मंदिरों के सौंदर्यीकरण के लिए मास्टरप्लान, हर जिले में मनाया जाएगा ये खास उत्सव
Himachal News: हिमाचल प्रदेश सरकार यहां धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में काम कर रही है. राज्य के चार मंदिरों के सौंदर्यीकरण के लिए मास्टरप्लान तैयार करने की बात कही जा रही है.
Himachal Pradesh News: विश्व भर में हिमाचल प्रदेश की पहचान देव भूमि के रूप में है. यहां देवी-देवताओं और प्रसिद्ध मंदिरों के दर्शन के लिए भक्ति देश-विदेश से आते हैं. हिमाचल प्रदेश में होने वाला धार्मिक पर्यटक यहां के लोगों के लिए रोजगार का भी एक बड़ा साधन है. ऐसे में राज्य सरकार धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में आगे बढ़ रही है. हिमाचल प्रदेश के चार मंदिरों के लिए मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है.
चार मंदिरों के सौंदर्यीकरण के लिए बनेगा मास्टरप्लान
हिमाचल प्रदेश में बाबा बालक नाथ, माता चिंतपूर्णी, श्री नैनादेवी और ज्वालाजी मंदिर परिसरों के सौन्दर्यीकरण के लिए मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा. सोमवार को शिमला स्थित राज्य सचिवालय में भाषा एवं संस्कृति विभाग की महत्वपूर्ण बैठक में यह फैसला लिया गया है.
आज भाषा एवं संस्कृति विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की।
— Sukhvinder Singh Sukhu (@SukhuSukhvinder) January 13, 2025
बाबा बालक नाथ, माता चिंतपूर्णी, श्री नैनादेवी और ज्वालाजी मंदिर परिसरों के सौन्दर्यीकरण के लिए मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा।
आगामी वित्त वर्ष से सभी जिलों में ‘जिला स्तरीय उत्सव’ आयोजित किए जाएंगे। कलाकारों का… pic.twitter.com/bbr10BzaRO
बैठक में उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री और स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल भी मौजूद रहे. इन चार मंदिरों में श्रद्धालुओं के लिए विश्वस्तरीय सुविधा शुरू की जायेंगी. इसके जरिए प्रदेश में धार्मिक पर्यटन को भी प्रोत्साहन मिलेगा.
हिमाचल प्रदेश में 107 मेले हैं अधिसूचित
जानकारी के मुताबिक, हिमाचल प्रदेश सरकार ने 107 मेले अधिसूचित किए हैं. इनमें चार अंतरराष्ट्रीय, पांच राष्ट्रीय, 29 राज्य और 69 जिला स्तर के मेले शामिल हैं. प्रदेश सरकार की ओर से वित्त वर्ष 2024-25 में अभी तक इन मेलों के आयोजन के लिए 1.10 करोड़ रुपये अनुदान के तौर पर दी जा चुकी है. सरकार ने अंतरराष्ट्रीय रौरिक स्मारक ट्रस्ट को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने और शिमला विंटर कार्निवाल के आयोजन को अधिसूचित करने के निर्देश भी दिये हैं.
हर जिले में जिलास्तरीय उत्सव मनाने की तैयारी
भाषा एवं संस्कृति विभाग की बैठक के दौरान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि आने वाले वित्त वर्ष से सभी जिलों में ‘जिलास्तरीय उत्सव’ आयोजित किए जाएंगे. प्रदेश में आयोजित किये जाने वाले मेलों और उत्सवों में कम से कम एक सांस्कृतिक संध्या स्थानीय कलाकारों के लिए होगी. सांस्कृतिक कार्यक्रमों के कुल व्यय की 33 फीसदी राशि भी स्थानीय कलाकारों को दिए जाने का प्रावधान किया जाएगा. उन्होंने कलाकारों का मानदेय तय करने के साथ रेशनलाइज करने के भी निर्देश दिए.
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