Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश में राजभवन और राज्य की कांग्रेस सरकार में राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी के बीच उपजा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. यह विवाद नौतोड़ के तहत भूमि आवंटन को लेकर है. बीते दिनों राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा था कि वह किसी के चुनावी वादे पूरे करने के लिए नहीं है. उन्होंने राज्य सरकार से नौतोड़ के तहत पात्र व्यक्तियों की सूची मांगी है. वे नौतोड़ के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन वे गैर कानूनी काम नहीं होने देंगे. इस पर राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने शिमला स्थित राज्य सचिवालय में प्रेस वार्ता कर पलटवार किया है.
नेगी का राज्यपाल पर 'निशाना'
हिमाचल प्रदेश सरकार में राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल की शब्दावली को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया. राजस्व मंत्री ने कहा कि पहले तो भाजपा नेता लोगों को भ्रमित करने की कोशिश कर रहे हैं. नौतोड़ के तहत उन सभी परिवारों को जमीन आवंटन की व्यवस्था है, जिनके पास 20 बीघा से कम जमीन है.
उन्होंने कहा कि साल 1968 में यह नियम बनाया गया था. बाद में जब साल 1980 फॉरेस्ट कंजर्वेशन एक्ट- FCA लागू हुआ, तो इसमें बदलाव हुए और गैर जनजातीय क्षेत्र के लिए प्रावधान बंद हो गया. अब भी यह प्रावधान जनजातीय क्षेत्र के लिए लागू है. उन्होंने कहा कि पूर्व में रहे सभी राज्यपालों ने एफसीए को सस्पेंड किया है. साल 2020 में जब ठाकुर जयराम मुख्यमंत्री थे, तब सिर्फ एक ही मामले को मंजूरी दी गई थी. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार में तो व्यक्ति विशेष को फायदा पहुंचाने की कोशिश की गई थी.
निष्पक्षता पर क्यों खड़े हो रहे सवाल?
राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि वह खुद व्यक्तिगत तौर पर पांच बार राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल से मिल चुके हैं. वह छठी बार राज्यपाल से मुलाकात करने के लिए जाएंगे. उन्होंने कहा कि जनजातीय क्षेत्र में रोजगार की कमी है. ऐसे में वहां पलायन रोकने बेहद जरूरी है. राज्य सरकार ने राजभवन की ओर से पूछे गए सभी सवालों का जवाब दे दिया है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में चुनी हुई सरकार है. सरकार का दायित्व है अपने वादों को पूरा करना. उन्होंने कहा कि अगर बात संविधान की शपथ की करें, तो सभी ने शपथ ली है और इसमें निष्पक्षता की बात भी शामिल है. उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक मूल्य पर चलकर भी अपने बात मनवाने की कोशिश करेंगे.
मांग पूरी होने की है उम्मीद- नेगी
राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि उन्होंने राजभवन का अपमान नहीं किया है. राज्यपाल की ओर से मामलों में 'फेक' शब्द का इस्तेमाल किया गया, यह भी सही नहीं है. उन्होंने कहा कि नौतोड़ के 12 हजार 742 मामले पेंडिंग हैं. राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने दावा किया कि इस मामले में राज्यपाल छंटनी नहीं कर सकते. इसके लिए अधिकारी हैं. राज्यपाल का काम सिर्फ एफसीए को सस्पेंड करना है. राज्यपाल का काम पात्रता देखना भी नहीं है.
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने राजभवन से दो साल की छूट मांगी है. उन्होंने कहा कि राज्यपाल जनजातीय क्षेत्र के संरक्षक भी हैं. ऐसे में उन्हें उम्मीद है कि वह जनजातीय क्षेत्र के लोगों की इस मांग को पूरा करेंगे. अब राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी के इस बयान पर राज्यपाल से प्रताप शुक्ल की प्रतिक्रिया का इंतजार है.