Himachal Monsoon: मौत बनकर आया मानसून, 91 लोग असमय बने काल के शिकार, 2100 करोड़ का नुकसान
हिमाचल में हुई बारिश ने भारी तबाही मचाई. हिमाचल सरकार को बारिश से अब तक 2108.37 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है. रेड अलर्ट के दौरान हिमाचल सरकार को करीब चार हजार करोड़ रुपए के नुकसान का आकलन है.
Himachal Monsoon Loss: हिमाचल प्रदेश में मानसून ने तबाही का वह मंजर देखा, जो बीते कई सालों में कभी नहीं देखा गया. हिमाचल प्रदेश में मानसून के दौरान हुई तबाही हर किसी को कभी न हम भुला पाने वाली बहुत बुरी स्मृति दे गई, जिसके साथ अब जिंदगी भर जीना होगा. हिमाचल प्रदेश सरकार को अब तक मानसून की बारिश की वजह से 2108.37 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है. इसमें जल शक्ति विभाग को 1107.10 करोड़ रुपए, लोक निर्माण विभाग को 890.98 करोड़ रुपए, बिजली विभाग को 103.28 करोड रुपए, बागवानी विभाग को 75.27 करोड़ रुपए, शहरी विकास विभाग को 6.47 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है.
अब तक 91 लोगों की गई जान
मानसून की बारिश में 34 लैंडस्लाइड, बादल फटने और अचानक बाढ़ की घटनाएं रिकॉर्ड की गई हैं. इसके अलावा 57 रोड एक्सीडेंट और पहाड़ों से पत्थर गिरने की घटनाएं हुई. इन अलग-अलग घटनाओं में 91 लोगों की जान जा चुकी है. इसके अलावा 101 लोग घायल भी हुए हैं. लगातार हो रही बारिश की वजह से 636 घर पूरी तरह बर्बाद हो गए. वहीं, 1 हजार 128 घरों को आंशिक रूप से नुकसान पहुंचा. बारिश की वजह से 78 दुकानों, 612 पशु घरों को नुकसान हुआ और 592 जानवरों की जान चली गई.
किस जिले में कितनी मौतें?
इसके अलावा प्रदेश भर में लैंडस्लाइड और फ्लैश फ्लड की घटनाएं रिकॉर्ड की गई हैं. यदि मौत के आंकड़ों जिलावार पर नजर डालें, तो बिलासपुर में दो, चंबा में सात, हमीरपुर में चार, कुल्लू में 21, मंडी में दो, शिमला में 19 और ऊना में एक व्यक्ति की मौत हुई. वहीं, अलग-अलग जिलों में 26 लोगों की जान रोड एक्सीडेंट में गई है.
पटरी पर लौट रहा आम जनजीवन
हिमाचल प्रदेश में लगातार हुई बारिश की वजह से आम जनजीवन अभी भी अस्त-व्यस्त पड़ा हुआ है. हिमाचल प्रदेश के कई जिलों में अभी भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है. इस बीच प्रदेश भर में अभी 5 हजार 157 पेयजल योजनाएं प्रभावित पड़ी हुई हैं. हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में अभी कई इलाकों में पानी की सप्लाई नहीं हो सकी है. एक हफ्ते से लंबा वक्त बीत जाने के बाद भी लोगों को पानी नहीं मिल रहा है. लोग पानी की बावड़ी पर लंबी कतारें लगाकर पानी भर रहे हैं.
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