Himachal Monsoon Session 2024 News: हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य की आर्थिक स्थिति बेहद खराब है. उन्होंने कहा कि राज्य का राजस्व घाटा लगातार बढ़ रहा है. इस दौरान सीएम सुक्खू ने एक विशेष अपील की. 


मुख्यमंत्री ने कहा कि कैबिनेट मंत्री और मुख्य संसदीय सचिव से अगले दो महीने तक अपने वेतन और भत्ते विलंबित (Delay) करेंगे. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सदन के अन्य सदस्यों से भी ऐसा करने का आग्रह किया है. इस पर बीजेपी विधायक सुधीर शर्मा ने सीएम सुक्खू पर निशाना साधा है.


सीएम सुक्खू पर बीजेपी विधायक भड़के
बीजेपी विधायक सुधीर शर्मा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में वित्तीय कुप्रबंधन के लिए सरकार जिम्मेदार है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का यह फैसला बताता है कि आने वाले वक्त में स्थिति बेहद खराब होने वाली है. 


सुधीर शर्मा ने कहा कि जनता को सरकार से कोई उम्मीद नहीं रखनी चाहिए और अपना प्रबंध खुद ही कर लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार एक तरफ आर्थिक तंगी का रोना रो रही है और दूसरी तरफ सचिवालय में सेवन स्टार प्रक्रिया से अपने कमरों का रिनोवेशन करवाया जा रहा है. 


'सरकार कर रही जमकर कुप्रबंधन'
विधायक सुधीर शर्मा ने कहा कि सरकार में मुख्य संसदीय सचिव और कैबिनेट बैंक के अध्यक्ष की फौज खड़ी की गई है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार जमकर कुप्रबंधन कर रही है. 


धर्मशाला से भारतीय जनता पार्टी के विधायक सुधीर शर्मा ने कहा कि राज्य के कर्मचारियों और बेरोजगारों को यह समझ लेना चाहिए कि अब प्रदेश की स्थिति क्या है. आम जनता को सुक्खू सरकार से कोई उम्मीद नहीं रखनी चाहिए.


सीएम ने सदन में दिए ये आंकड़े
बता दें, हिमाचल प्रदेश में रिवेन्यू डेफिसिट ग्रांट, जो साल 2023-24 में 8 हजार 58 करोड़ रुपये थी, वह इस साल 1 हजार 800 करोड़ रुपये से कम होकर 6 हजार 258 करोड़ रुपये हो गया है. अगले साल 2025-26 में यह 3 हजार करोड़ रुपये और कम हो कर 3 हजार 257 करोड़ रुपये तक रह जाएगा. 


PDNA की लगभग 9 हजार 42 करोड़ रुपये की राशि में से केंद्र सरकार से अभी तक कोई भी राशि प्राप्त नहीं हुई है. NPS कंट्रीब्यूशन के लगभग 9 हजार 200 करोड़ रुपये PFRDA से प्राप्त नहीं हुए है, जिसके लिए केंद्र सरकार से राज्य सरकार कई बार अनुरोध कर चुकी है. 


सीएम सुक्खू ने क्या कहा?
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा, "GST कंपनसेशन जून 2022 के बाद मिलना बंद हो गया है, जिससे हर साल करीब 2 हजार 500 से 3 हजार करोड़ की आय कम हो गई है. OPS बहाल करने के कारण सरकार के कर्ज लेने की लिमिट लगभग दो हजार करोड़ से कम कर दी गई है."


मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि इन परिस्थितियों से पार पाना आसान नहीं है. हिमाचल प्रदेश सरकार ने आय बढ़ाने और अनुत्पादक व्यय (Unproductive Expenditure) कम करने का प्रयास किया है. इन प्रयासों के परिणाम आने में समय लगेगा.


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