Himachal: BJP ने पहले टिकट काटा, अब कराई 'घर वापसी', पढ़ें इन निर्दलीय विधायकों का सियासी सफर
Himachal News: हिमाचल प्रदेश में दल बदल की जमकर सियासत हो रही है. कल तक भाव नहीं देने वाले नेताओं को बीजेपी गले लगा रही है. कहा जा सकता है कि बीजेपी नेतृत्व को 'दुलारे' नेता कल तक खटकते थे.
Himachal Political Crisis: कहा जाता है कि राजनीति अनिश्चितताओं का खेल है. दोस्ती कब दुश्मनी में और दुश्मनी कब दोस्ती में बदल जाए, कहना मुश्किल है. साल 2022 में दो नेताओं का टिकट काटने वाली बीजेपी ने दोबारा शामिल कर लिया है.
नालागढ़ से कृष्ण लाल ठाकुर और देहरा से होशियार सिंह को बीजेपी ने साल 2022 में टिकट नहीं दिया. उनकी जगह दो अन्य नेताओं को चुनाव लड़वाया गया. दोनों सीट पर बीजेपी मतदान में तीसरे नंबर पर रही. कहा जा सकता है कि बीजेपी नेतृत्व को खटकने वाले नेता अब 'आंख के तारे' हो गए हैं.
बीजेपी ने काट दिया था होशियार सिंह का टिकट
साल 2017 में भी होशियार सिंह निर्दलीय चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे. प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनने पर होशियार सिंह सत्ता रूढ़ दल के साथ हो लिये. 44 सीटों पर जीतकर आई बीजेपी को देहरा से निर्दलीय विधायक होशियार सिंह और जोगिंदरनगर से प्रकाश राणा का साथ मिला. जून 2022 में दोनों निर्दलीय विधायकों ने बीजेपी का पटका पहन लिया.
राणा को टिकट मिला, होशियार को मौका नहीं
साल 2022 के विधानसभा चुनाव में प्रकाश राणा बीजेपी प्रत्याशी बने. होशियार सिंह का टिकट कट गया. उनकी जगह बीजेपी ने वरिष्ठ नेता रमेश चंद ध्वाला को चुनाव लड़ाया. बेवफाई पर होशियार सिंह ने बीजेपी के खिलाफ आवाज बुलंद किया. एक बार फिर निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुाावी रण में उतर गये. रमेश चंद ध्वाला की पारंपरिक सीट ज्वालामुखी को बदल दिया गया. बीजेपी ने रमेश चंद ध्वाला को विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए देहरा भेज दिया. चुनाव नतीजों में रमेश चंद ध्वाला तीसरे स्थान पर रहे.
कांग्रेस-बीजेपी के नेताओं को हराया था चुनाव
विधानसभा चुनाव में आजाद प्रत्याशी होशियार सिंह को 22 हजार 997, कांग्रेस के प्रत्याशी डॉ. राजेश शर्मा को 19 हजार 120 और बीजेपी के प्रत्याशी रमेश चंद ध्वाला को 16 हजार 730 वोट पड़े.
निर्दलीय चुनाव लड़कर होशियार सिंह 3 हजार 877 वोट के अंतर से जीत गए. साल 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत हुई. होशियार सिंह ने कांग्रेस को एसोसिएट विधायक के तौर पर समर्थन दिया. राज्यसभा चुनाव में उन्होंने बीजेपी प्रत्याशी के पक्ष में वोट कर दिया. अब विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देकर बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ने की बात कर रहे हैं.
नालागढ़ विधानसभा क्षेत्र से आजाद प्रत्याशी के तौर पर चुनाव जीत कर आए कृष्ण लाल ठाकुर को भी बीजेपी से बेवफाई मिली. साल 2012 में सरकारी नौकरी से इस्तीफा देने के बाद कृष्ण लाल ठाकुर पहली बार चुनाव लड़कर विधानसभा पहुंचे.
साल 2017 में लखविंदर राणा से चुनाव हार गए. साल 2022 के विधानसभा चुनाव में कृष्ण लाल ठाकुर को टिकट मिलने की पूरी उम्मीद थी. ऐसा नहीं होने पर बीजेपी ने कांग्रेस छोड़कर आए लखविंदर राणा को प्रत्याशी बना दिया. कृष्ण लाल ठाकुर आजाद प्रत्याशी के तौर पर रण में उतर गए. निर्दलीय उम्मीदवार कृष्ण लाल को चुनाव में जीत मिली. बीजेपी के प्रत्याशी लखविंदर सिंह राणा तीसरे स्थान पर रहे.
नालागढ़ में तत्कालीन मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर रोड शो निकाल रहे थे. खुली जीप में के.एल. ठाकुर के नाम से मशहूर कृष्ण लाल को जगह नहीं मिली. कृष्ण लाल ठाकुर सड़क पर धक्के खाते हुए नजर आए. जनता की भावनाएं कृष्ण लाल के साथ जुड़ गयीं.
साल 2022 के विधानसभा चुनाव में आजाद प्रत्याशी कृष्ण लाल ठाकुर को 33 हजार 427, कांग्रेस के हरदीप सिंह बावा को 20 हजार 163 और बीजेपी के लखविंदर राणा को सिर्फ 17 हजार 273 वोट मिले.
चुनाव को कृष्ण लाल ठाकुर ने 13 हजार 264 वोट के भारी अंतर से जीत लिया. उन्होंने भी मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अगुवालई वाली सरकार को एसोसिएट विधायक के तौर पर समर्थन दिया. राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग कर दौरान उन्होंने कांग्रेस का खेल बिगाड़ दिया. अब बतौर निर्दलीय विधायक इस्तीफा देने के बाद दोबारा बीजेपी का दामन खथाम लिया हगै. कृष्ण लाल ठाकुर को उम्मीद है कि बीजेपी नालागढ़ से प्रत्याशी बनने का मौका देगी.
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