नेम प्लेट विवाद: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मिले मंत्री विक्रमादित्य सिंह, जानें क्या कहा?
Vikramaditya Singh News: हिमाचल में नेमप्लेट विवाद के बीच विक्रमादित्य सिंह ने दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात की. इससे पहले वे केसी वेणुगोपाल से भी मिल चुके हैं.
Vikramaditya Singh Meets Mallikarjun Kharge: हिमाचल प्रदेश में स्ट्रीट वेंडर्स के लिए पहचान पत्र अनिवार्य किए जाने के नियम को लेकर मंत्री विक्रमादित्य सिंह चर्चाओं में हैं. मामले को लेकर विवाद खड़े होने पर कांग्रेस आलकमान ने उन्हें दिल्ली तलब किया. बीते शुक्रवार को उन्होंने कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल से मुलाकात की. वहीं, आज (29 सितंबर 2024) विक्रमादित्य सिंह कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मिले.
इसको लेकर विक्रमादित्य सिंह ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर जानकारी दी. उन्होंने मुलाकात की फोटो के साथ लिखा कि आज नई दिल्ली में कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाक़ात की और हिमाचल के संगठन और सरकार के विकासमतक मसलों पर चर्चा की. हिमाचल और हिमाचलियत के हितों की रक्षा करना हमारा परम दायित्व हैं जिस परिप्रेक्ष्य में हमनें उनका आशीर्वाद लिया. बता दें कि इससे पहले खरगे विक्रमादित्य सिंह के बयान पर सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू को फोन कर नाराजगी जता चुके हैं.
क्या बोले विक्रमादित्य सिंह जिससे खड़ा हुआ विवाद?
हिमाचल के लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने पिछले दिनों नगर निगम के साथ बैठक की थी. इस बैठक में उन्होंने फैसला लिया कि जितने भी स्ट्रीट वेंडर्स खाने-पीने की चीजें या कोई अन्य सामान बेच रहे हैं, उनपर खास ध्यान जाएगा. जैसे उत्तर प्रदेश में रेहड़ी-पटरी वालों के लिए नियम बनाया गया कि उन्हें अपने नाम की आईडी लगानी होगी. उसी तरह वे स्ट्रीट वेंडर्स के लिए इस तरह का नियम लाने का विचार कर रहे हैं. मंत्री के इस बयान के बाद विवाद खड़ा हो गया था.
विक्रमादित्य सिंह के बयान पर विवाद खड़ा होने के बाद उनके इस्तीफे की खबरें भी खूब उड़ी. जिसपर बाद में मंत्री का बयान भी आया उन्होंने कहा कि ये चंदूखाने की खबरें हैं, इन खबरों पर ध्यान नहीं देना चाहिए और ना ही मुझे इसपर कोई प्रतिक्रिया देने की आवश्यकता है.
इसके अलावा विक्रमादित्य सिंह मुलाकात के बाद कांग्रेस महासचिव के. सी. वेणुगोपाल की भी प्रतिक्रिया आई. उन्होंने कहा कि कांग्रेस का कोई भी नेता, मंत्री पार्टी की नीतियों और विचारधारा के खिलाफ नहीं जा सकता. नफरत के खिलाफ राहुल गांधी प्यार और स्नेह फैला रहे हैं. हम नफरत नहीं एकजुटता में विश्वास रखते हैं.
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