Himachal News: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (CM Sukhwinder Singh Sukhu) ने सोमवार को घोषणा की कि वह अपनी सामाजिक जिम्मेदारी के तहत अपना पहला वेतन (First Salary) मुख्यमंत्री सुखाश्रय सहायता कोष (Relief Fund) को देंगे. यह मानवता और उन लोगों की सेवा करने की दिशा में एक कदम है, जो उच्च शिक्षा प्राप्त करने से वंचित हैं. उन्होंने कहा, यह उन्हें एक सम्मानजनक और गरिमापूर्ण जीवन जीने का रास्ता भी देगा. इस राहत कोष का गठन राज्य सरकार द्वारा नववर्ष के पहले दिन जरूरतमंद छात्रों और निराश्रित महिलाओं को उच्च शिक्षा प्राप्त करने में मदद करने के उद्देश्य से किया गया था. 


मुख्यमंत्री सुखाश्रय सहायता कोष में CM ने दिया पहला वेतन
इस कोष से प्राप्त राशि को निराश्रित महिलाओं एवं छात्राओं को गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा प्रदान करने में खर्च किया जाएगा. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू  ने कहा कि इन छात्रों और महिलाओं को एक विशेष राशि (Special Amount) दी जाएगी, जो उन्हें उच्च शिक्षा प्राप्त करने में मदद करेगी. उन्होंने कहा कि यह कोष उन लोगों को नए आयाम प्रदान करेगा, जो सक्षम हैं, लेकिन वित्तीय बाधाओं के कारण गुणवत्तापूर्ण शिक्षा (Quality Education) से वंचित हैं. इसके अलावा, छात्रों को देश और समाज की प्रगति और समृद्धि में बड़े पैमाने पर अपना योगदान सुनिश्चित करने का अवसर भी मिलेगा. सुक्खू ने कहा कि यह कदम करुणा नहीं, बल्कि हर व्यक्ति का अधिकार है.


सरकार चुनाव के दौरान किए गए वादों को करेगी पूरा- सुक्खू 


हिमाचल में नई सरकार के गठन के साथ ही मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू एक के बाद एक कई घोषणाएं कर चुके है. मनाली के विंटर कार्निवाल के उद्घाटन के अवसर पर सुक्खू ने कहा था कि उनकी सरकार विधानसभा चुनाव के दौरान किए गए सभी 10 वादों को चरणबद्ध तरीके से पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है. वही राज्य में इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को बढ़ावा देते हुए सीएम ने 15 जनवरी तक 18 सार्वजनिक परिवहन वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहनों (Electric Vehicles)  में बदलने की घोषणा भी की.


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