Himachal News:  देश भर में आज नए साल की धूम है. लोग अलग-अलग तरीके से नए साल के पहले दिन को यादगार बनाने की कोशिश कर रहे हैं. कोई परिवार के साथ वक्त बिता रहा है, तो कोई रेजोल्यूशन (संकल्प) लेकर साल की शुरुआत कर रहा है. इस बीच हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) की राजधानी शिमला (Shimla) के रिज मैदान (Ridge Maidan) पर 110 लोगों ने रक्तदान (Blood Donation) कर नए साल की शुरुआत की. यहां रक्तदान शिविर उमंग फाउंडेशन की ओर से लगाया गया था. इस रक्तदान शिविर (Blood Donation Camp) में हिमाचल प्रदेश के महाधिवक्ता अनूप रतन ने भी रक्तदान किया.


रक्तदान से होता है मानसिक विकास
हिमाचल प्रदेश एक पहाड़ी राज्य है और सर्दियों के मौसम में पहाड़ में बेहद ठंड पड़ती है. ठंड के इस मौसम में हिमाचल प्रदेश के बड़े अस्पतालों में रक्त की भी भारी कमी हो जाती है. इस रक्त की कमी को पूरा करने के लिए उमंग फाउंडेशन ने रक्तदान शिविर का आयोजन किया. साथ ही लोगों से भी अपील की है कि समय-समय पर दूसरों की जान बचाने के लिए आगे आकर रक्तदान करते रहें. अमूमन लोगों में यह भ्रांति रहती है कि रक्तदान की वजह से शारीरिक कमजोरी आती है. हालांकि इस बात में सच्चाई नहीं है. रक्तदान करने से किसी प्रकार की कोई शारीरिक कमजोरी नहीं आती बल्कि रक्तदाता का मानसिक विकास होता है.


सर्दियों के मौसम में अस्पतालों में होती है रक्त की कमी
शिमला के भी बड़े अस्पतालों में सर्दियों के वक्त खून की कमी और भी ज्यादा बढ़ जाती है. यहां प्रदेश भर से लोग अपना इलाज कराने के लिए आते हैं. शिमला के इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज, कमला नेहरू अस्पताल और दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल में रक्त की कमी हो जाती है. साल 2023 के पहले दिन लगाए गए एक रक्तदान शिविर में इकट्ठे किए गए 110 यूनिट रक्त का इस्तेमाल जरूरतमंदों के लिए होगा. आधुनिक युग में अपनी पढ़ाई के को सार्थक करने के लिए यह बेहद जरूरी है कि पढ़े-लिखे समाज में किसी भी व्यक्ति की जान खून की कमी की वजह से न जाए.


एक यूनिट खून बचा सकता है तीन लोगों की जान
कोई भी स्वस्थ व्यक्ति दूसरे की जान बचाने के लिए रक्तदान कर सकता है. 18 साल से ज्यादा उम्र के व्यक्ति रक्तदान कर सकते हैं. कोई भी व्यक्ति जिसका वजन 45 किलो से ऊपर हो, वह आसानी से रक्तदान कर सकता है. एक यूनिट रक्त कम से कम तीन लोगों की जान बचाने के लिए सहायक सिद्ध होता है. रक्तदान को महादान इसलिए भी कहा जाता है क्योंकि रक्तदान का कोई अन्य विकल्प नहीं है. रक्त की कमी केवल रक्तदान से ही पूरी हो सकती है.


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