Himachal News: हिमाचल प्रदेश में तीन साल में 5 हजार लोगों ने गंवाई जान, 233 भूस्खलन की घटनाओं ने मचाई तबाही
Shimla News: हिमाचल में बीते तीन सालों में 233 लैंडस्लाइड की घटनाएं हुई है. जिनमें 5 हजार लोगों ने जान गंवाई है. उत्तराखंड के जोशीमठ में हुई भू-धंसाव की घटनाओं के बाद हिमाचल सरकार सजग नजर आ रही है.
Himachal News: उत्तराखंड के जोशीमठ (Joshimath) में पैदा हुई भू-धंसाव की स्थिति के बाद हिमाचल प्रदेश में सजग नजर आ रहा है. सोमवार को ही मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (CM Sukhwinder Singh Sukhu) ने आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के साथ बैठक की है. इस बैठक में सभी जिला उपायुक्तों से सिंकिंग जोन की जानकारी मांगी गई है. हालांकि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू नहीं अभी स्पष्ट किया है कि हिमाचल प्रदेश में जोशीमठ जैसी स्थिति नहीं है.
जिला मंडी में 110 स्थान अति संवेदनशील
भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (Geological Survey of India) ने हिमाचल में 1 लाख 71 हजार 210 लैंडस्लाइड प्रोन क्षेत्रों की पहचान की है. इनमें से 675 को "अत्याधिक संवेदनशील" श्रेणी में रखा गया है. हिमाचल प्रदेश में इन 675 जगहों में से बिलासपुर में 37 अति संवेदनशील क्षेत्र, चंबा में 133, कांगड़ा में 102, किन्नौर में 15, कुल्लू में 55, लाहौल स्पीति में 91, मंडी में 110, शिमला में 50, सिरमौर में 21, सोलन में 44 और ऊना में 63 भूस्खलन को लेकर अति संवेदनशील क्षेत्र हैं.
बीते तीन साल में 5 हजार 012 लोगों ने गवाई अपनी जान
पिछले तीन सालों में हिमाचल प्रदेश में बड़े स्तर पर लैंडस्लाइड (Landslide) या लैंड सिंकिग की 233 घटनाएं सामने आई. इनमें 2020 में 16, 2021 में 100 और 2022 में 116 भूस्खलन की घटनाएं शामिल हैं. चंबा जिला में 20, कुल्लू जिला में 31, लाहौल स्पीति जिला में 40 जबकि शिमला जिला 45 भूस्खलन या भूमि धंसने की घटनाएं सामने आई. जिला सिरमौर में जमीन धंसने वाली या भूस्खलन वाली जगहों की बात करें, तो लाहौल स्पीति (Lahaul Spiti) में 2 हजार 295, चंबा जिला में 2 हजार 389 और सिरमौर जिले में सबसे ज़्यादा 2 हजार 559 स्थानों पर जमीन धंसने की घटनाएं सामने आई हैं. बीते तीन साल में प्रदेश में आई प्राकृतिक आपदाओं से 5 हजार 012 लोग अब तक अपनी जान गवा चुके हैं.
675 स्थानों पर लगातार जमीन धंसने की घटना
सबसे गंभीर बात यह है कि प्रदेश 675 स्थानों पर लगातार जमीन धंसने की घटनाएं सामने आ रही हैं. इन स्थानों पर घनी आबादी रहती है या फिर आधारभूत ढांचे का निर्माण किया गया है. प्रदेश सरकार के पास लैंडस्लाइडिंग (Landsliding) और लैंड सिंकिंग के मामलों की असली रिपोर्ट आना अभी बाकी है. हिमाचल प्रदेश के प्रमुख शहरों धर्मशाला के मैकलोडगंज और शिमला में लैंड सिंकिंग के मामले लगातार सामने आ रहे हैं.