Himachal Pradesh News Today: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में बीते शुक्रवार (28 सितंबर) 'शिमला फॉर पीस एंड हार्मनी' के तहत सद्भावना मार्च का आयोजन किया. इस मार्च में शहर भर के करीब 300 लोगों ने हिस्सा लिया.
सद्भावना मार्च के जरिए शहर के लोगों को शांति बनाए रखने के साथ आपसी सद्भाव और भाईचारे का संदेश दिया गया. सद्भावना मार्च में शहर के लोगों के साथ रिटायर्ड जज और रिटायर्ड आईएएस भी शामिल हुए. सद्भावना मार्च में लोगों से पहले की तरह ही शांति बनाए रखने की अपील की गई.
सद्भावना मार्च शिमला के डीसी ऑफिस से होता हुआ पहले नाज चौक पहुंचा. इसके बाद सद्भावना मार्च पर स्थापित राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा तक ले जाया गया. यहां लोगों ने मिलकर सांप्रदायिक सौहार्द की शपथ ली.
शांति बनाए रखने की अपील
शिमला नगर निगम के पूर्व मेयर संजय चौहान ने कहा कि शिमला शहर में हमेशा से ही शांति बनी रही है. कुछ लोगों के बीच आपसी लड़ाई हुई और फिर धीरे-धीरे इस पूरे मामले को सांप्रदायिक रंग दे दिया गया. उन्होंने सभी लोगों से अपील की है कि वह शांति बनाए रखें.
पूर्व मेयर संजय चौहान ने कहा कि नगर निगम शिमला का 175 साल पुराना इतिहास है और इसके इतने लंबे इतिहास में कभी इस तरह की घटना नहीं हुई. उन्होंने कहा कि भविष्य में भी शिमला में आपसी सद्भाव बना रहे, इसके लिए सभी लोगों को आगे आने की जरूरत है.
'शिमला में हमेशा रहा है शांति का माहौल'
शिमला के रहने वाले मोहम्मद इस्लाम ने भी सद्भावना मार्च में हिस्सा लिया. मोहम्मद इस्लाम ने कहा कि वह लगभग 35 सालों से यहां पर रह रहे हैं. उन्होंने कहा कि शिमला में हमेशा से ही शांति का माहौल रहा है. अब भी शिमला में उन्हें किसी तरह का कोई डर महसूस नहीं होता.
'मस्जिद केस में कानून सम्मत कार्रवाई हो'
मोहम्मद इस्लाम ने सभी लोगों से सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने की अपील की है. उन्होंने कहा कि बीते कुछ दिनों से बड़े तनाव के चलते सब कारोबार और पर्यटन कारोबार प्रभावित हुआ है. उन्होंने कहा कि अगर मस्जिद का कोई हिस्सा अवैध है, तो कानून अपनी कार्रवाई कर सकता है. सभी कानून सम्मत कार्रवाई के पक्ष में हैं.