शिमला के रिज मैदान में किसने लगाई थी राष्ट्रपिता की प्रतिमा? किसी को नहीं कोई जानकारी, प्रशासन भी है अनजान
आज 30 जनवरी को राष्ट्रपिता Mahatma Gandhi की पुण्यतिथि है.वही शिमला के रिज मैदान में बापू एक ऐसी प्रतिमा लगी है जिसके बारे में किसी के पास कोई जानकारी नहीं है कि इसे कब और किसके द्वारा लगवाया गया.
Himachal News: देशभर में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हजारों प्रतिमा स्थापित की गई हैं. भारत के अलावा अन्य देशों में भी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा देखने के लिए मिलती है. हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला (Shimla) के रिज मैदान पर भी बापू की एक प्रतिमा स्थापित की गई है. 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) की जयंती और 30 जनवरी को उनकी शहादत पर हर साल बड़े कार्यक्रमों का आयोजन होता है, लेकिन हैरानी की बात है कि इस प्रतिमा की स्थापना के बारे में किसी को कोई जानकारी नहीं है.
प्रशासन के पास प्रतिमा को लेकर नहीं जानकारी
मानवीय स्वभाव जिज्ञासा से भरा होता है. व्यक्ति जब भी किसी चीज को देखता है, तो वह उसके बारे में जानने की चाह रखता है. मसलन प्रतिमा कब स्थापित हुई? इसे किसने बनाया और इस पर कितने रुपए खर्च हुए होंगे, लेकिन ऐसी कोई जानकारी न तो नगर निगम प्रशासन के पास है और न ही भाषा एवं संस्कृति विभाग (Language and Culture Department) के पास. आज इतने साल का समय बीत जाने के बावजूद प्रशासन ने यह जानने की कोशिश तक नहीं की है कि इस प्रतिमा का इतिहास क्या है. नगर निगम शिमला के आयुक्त आशीष कोहली इस बारे में किसी भी रिकॉर्ड के होने से इनकार कर चुके हैं.
साल 1956 में प्रतिमा स्थापित होने का अनुमान
हालांकि नगर निगम शिमला की स्टॉक बुक में दर्ज है कि राष्ट्रपिता की यह कांस्य प्रतिमा (Bronze Statue) 12 सितंबर 1956 को खरीदी गई थी. उस समय इस प्रतिमा में कुल 11 हजार 250 रुपए का व्यय किया गया था. इससे यह अनुमान लगाया जा सकता है कि अगर प्रतिमा सितंबर 1956 में खरीदी गई, तो इसे साल 1956 में 2 अक्टूबर के दिन स्थापित किया गया होगा. साल 1956 में अक्टूबर की 2 तारीख को मंगलवार का दिन था, लेकिन यह अनुमान मात्र है. ना तो इस प्रतिमा को बनाने वाले कलाकार के बारे में कोई जानकारी है और न ही इसके स्थान के बारे में कोई पुख्ता रिकॉर्ड है.
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