Himachal Pradesh Political Crisis: हिमाचल प्रदेश में तीन दिन तक चला सियासी उबाल अब ठंडा होता हुआ नजर आ रहा है. सुखविंदर सिंह सुक्खू हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री बने रहेंगे. उन्होंने राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी की हार की जिम्मेदारी भी ली है. केंद्रीय आलाकमान ने हिमाचल प्रदेश में उठे सियासी बवाल को थामने के लिए कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार को यहां भेजा था. इसके अलावा हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सियासी उठापटक को थामने के लिए यहां पहुंचे थे.


समन्वय के लिए बनाई जाएगी कमेटी


कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा कि अब सभी कांग्रेस के नेता मिलजुल कर आगे बढ़ेंगे. सरकार और संगठन के बीच में समन्वय स्थापित करने के लिए एक कमेटी का गठन होगा. इस कमेटी में मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री, हिमाचल कांग्रेस अध्यक्ष के साथ तीन अन्य सदस्य होंगे. इस कमेटी की घोषणा दिल्ली से की जाएगी. डीके शिवकुमार ने कहा कि कुछ नेताओं के आपस में मतभेद थे. बातचीत के बाद इन मतभेदों को सुलझा लिया गया है. 


अब कांग्रेस पूरी मजबूती से आगे बढ़ेगी और हिमाचल प्रदेश की चारों लोकसभा सीट पर भी जीत हासिल करेगी. हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि नेताओं को यह सख्त हिदायत दी गई है कि पार्टी की बातें सार्वजनिक मंच पर जाकर मीडिया के सामने साझा न करें. उन्हें हर बात को पार्टी प्लेटफार्म पर उठाने के लिए ही कहा गया है.


'शराफत की वजह से हार गए राज्यसभा चनाव'
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि वह शराफत में रहे और इसी वजह से राज्यसभा चुनाव में हार हो गई. मुख्यमंत्री सुक्खू ने इसे अपनी गलती के साथ इंटेलिजेंस का भी फैलियर बताया. सीएम सुक्खू ने कहा कि उनके खिलाफ षडयंत्र करने की कोशिश की गई. जब वह विधानसभा में अपने चेंबर के अंदर बैठे थे तो उनके इस्तीफे की खबरें फैलाने की कोशिश की गई, जबकि इसमें कोई सच्चाई नहीं थी. 


मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके इस्तीफे की खबरें इसलिए फैलाई जा रही थी, ताकि बजट पास करते हुए बहुमत काम हो जाए. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार पूरी मजबूती के साथ आगे बढ़ेगी. मुख्यमंत्री ने कांग्रेस के बागी विधायक जनता का विश्वास जीतकर कांग्रेस की टिकट पर आए थे और अब वह जनता को फेस नहीं कर सकेंगे. हालांकि मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उनके यह अयोग्य विधायक उनके बड़े और छोटे भाई हैं. ऐसे में अगर वह वापस आना चाहते हैं, तो कांग्रेस के विचारधारा से जुड़ सकते हैं.


ये भी पढ़ें


'मेरी कमी रही कि मैं शराफत में रह गया', विधायकों की बगावत पर बोले CM सुक्खू