Himachal Crisis: सुखविंदर सुक्खू ने दिया इस्तीफा तो विक्रमादित्य सिंह को मिल सकता है ये पद, जानें- कौन बनेगा CM?
Himachal Political Crisis: हिमाचल प्रदेश सियासी संकट पर कांग्रेस पर्यवेक्षकों की बैठक और दिल्ली में नेतृत्व को सूचित करने के बाद शाम तक निर्णय होने की संभावना है. मुकेश अग्निहोत्री सीएम हो सकते हैं.
Himachal Pradesh Political Crisis: हिमाचल प्रदेश में सियासी संकट गहराता जा रहा है. इस बीच खबर है कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार में बड़ा बदलाव हो सकता है. ऐसी संभावना है कि सुखविंदर सिंह सुक्खू की जगह मुकेश अग्निहोत्री (Mukesh Agnihotri) मुख्यमंत्री बन सकते हैं. वहीं, विक्रमादित्य सिंह को डिप्टी सीएम बनाया जा सकता है. पार्टी पर्यवेक्षकों की बैठक और दिल्ली में नेतृत्व को सूचित करने के बाद शाम तक निर्णय होने की संभावना है. पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट के बाद नेतृत्व की ओर से अहम निर्णय लिया जाएगा.
हिमाचल प्रदेश में राजनीतिक हलचल के बीच सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार में मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने बुधवार (28 फरवरी) को अपने पद से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बड़े ही भावुकता के साथ सक्खू सरकार पर आरोप लगाते हुए कैबिनेट से इस्तीफा देने की घोषणा की. हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि हमने हमेशा पार्टी का साथ दिया है लेकिन इस वक्त सरकार में रहना उचित नहीं है.
विक्रमादित्य सिंह का क्या है आरोप?
विक्रमादित्य सिंह ने आगे कहा कि पार्टी हाईकमान को इस घटनाक्रम को लेकर अवगत कराया गया है. उन्होंने सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू पर अनदेखी का आरोप भी लगाया. उन्होंने कहा- ''मुख्यमंत्री की कार्यप्रणाली से कई विधायकों के बीच नाराजगी है. ऐसे में मौजूदा वक्त में इस सरकार में बने रहना मेरे लिए ठीक नहीं है और मैं मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे रहा हूं.''
#WATCH हिमाचल प्रदेश सरकार में मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा, "हमने पार्टी का हमेशा साथ दिया है... मैं आज सिर्फ इतना कहना चाहूंगा कि वर्तमान समय में मेरा इस सरकार में बने रहना ठीक नहीं है। मैंने यह निर्णय लिया है कि मैं मंत्रीमंडल से इस्तीफा दे रहा हूं।" pic.twitter.com/ykx9ggjhmu
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 28, 2024
'विधायकों के आवाज को दबाने की कोशिश'
विक्रमादित्य सिंह ने आगे आरोप लगाते हुए कहा कि एक मंत्री के रूप में उन्हें अपमानित किया गया. जिस तरीके से संदेश डिपार्टमेंट में भेजे जाते हैं, हमें पूरी तरह से कमजोर करने का प्रयास किया गया. प्रदेश में कांग्रेस की सरकार सभी के सामूहिक प्रयास का ही नतीजा था. मैं दबाव में आने वाला व्यक्ति नहीं हूं. उन्होंने ये भी कहा कि विधायकों के आवाज को दबाने की कोशिश की गई, जिसकी वजह से आज इस कगार पर हैं. विक्रमादित्य सिंह ने अपनी ही सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह की मूर्ति के लिए दो गज जमीन तक उपलब्ध नहीं कराई गई.
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