Himachal Political Crisis: हिमाचल प्रदेश सरकार में संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कांग्रेस के सभी छह बागी विधायकों को डिसक्वालीफाई करने की मांग की है. हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि बजट पारित करने के लिए सभी कांग्रेस विधायकों को उपस्थित रहने का व्हिप जारी किया गया था, लेकिन छह विधायक बजट पास करवाने के लिए सदन में नहीं आए. ऐसे में उन्हें दल बदल कानून के तहत डिसक्वालीफाई किया जाना चाहिए.


बता दें कि इससे पहले भी कांग्रेस विधायक दल के मुख्य सचेतक और संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान की ओर से सभी छह बागी विधायकों के खिलाफ राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग के मामले में पिटीशन दायर कर कार्रवाई की मांग उठाई है. इस पर विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया के चेंबर में सुनवाई चल रही है.


कांग्रेस ने हाउस में जारी रहने का व्हिप किया था
हिमाचल प्रदेश कांग्रेस विधायक दल में सुधीर शर्मा, राजिंदर राणा, इंद्र दत्त लखनपाल, चैतन्य शर्मा, देवेंद्र कुमार भुट्टो और रवि ठाकुर ने पार्टी से बगावत कर दी है. इन सभी छह कांग्रेस विधायकों ने भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा चुनाव में प्रत्याशी हर्ष महाजन के पक्ष में वोट डाला. इसके बाद बुधवार को बजट पास करने को लेकर जो व्हिप जारी किया गया था, उसका भी विधायकों ने पालन नहीं किया. अब ऐसे में उनकी सदस्यता जाने का खतरा मंडरा रहा है. संसदीय कार्य मंत्री इन सभी छह बागी विधायकों की विधानसभा रद्द करने की मांग उठा रहे हैं.


ध्वनि मत से पास हुआ सरकार का बजट
हिमाचल प्रदेश में विधानसभा में बुधवार को सरकार ने अपना बजट पास करवा लिया. भोजन अवकाश से पहले भारतीय जनता पार्टी के 15 विधायकों को सस्पेंड किया जा चुका था. इसके अलावा शेष विधायकों ने उनकी बात न मानने के विरोध में हाउस का बॉयकॉट कर दिया. इसके बाद विपक्ष का कोई भी विधायक सदन में नहीं रहा. विपक्ष के किसी भी विधायक के सदन में न रहने के चलते सत्ता पक्ष में ध्वनि मत के साथ बजट पारित करवा दिया. अब हिमाचल प्रदेश विधानसभा के कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई है. प्रदेश में अगर कोई विशेष परिस्थिति पैदा न हुई, तो अब अगला सत्र जुलाई-अगस्त के महीने में मानसून सत्र के तौर पर ही शुरू होगा.


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