सरकार-संगठन में समन्वय की कमी या उपचुनाव पर ज्यादा ध्यान? कांग्रेस की हार की रिपोर्ट लेने पहुंचे आला नेता
Himachal Politics: हिमाचल की चारों लोकसभा सीट पर कांग्रेस की हार हुई. इसकी रिपोर्ट लेने कांग्रेस के आला नेता पीएल पुनिया और रजनी पाटिल शिमला पहुंच गए हैं.
Himachal Pradesh Politics: हिमाचल प्रदेश के नौ विधानसभा क्षेत्र में हुए उपचुनाव में बेहतरीन प्रदर्शन कर कांग्रेस ने अपनी सरकार तो बचा ली, लेकिन लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद खराब रहा. कांग्रेस के प्रत्याशियों को सभी चार लोकसभा सीट पर हार का सामना करना पड़ा. यहां तक कि कांग्रेस को बेहद मजबूत नजर आ रही मंडी संसदीय क्षेत्र में भी सफलता नहीं मिली.
यहां बीजेपी प्रत्याशी कंगना रनौत ने कांग्रेस प्रत्याशी विक्रमादित्य सिंह को हरा दिया. विक्रमादित्य सिंह के साथ अपने पिता पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह का नाम और सुक्खू कैबिनेट में लोक निर्माण मंत्री का भी प्रभाव था. बावजूद इसके विक्रमादित्य सिंह जीत हासिल नहीं कर सके. लंबे वक्त से बीजेपी के कब्जे वाली शिमला संसदीय सीट पर भी कांग्रेस को जीत की उम्मीद थी, लेकिन यहां भी कांग्रेस के विनोद सुल्तानपुरी के हाथ सफलता नहीं लगी.
हार के कारणों का पता लगाएंगे आला नेता
हिमाचल प्रदेश की सभी चारों लोकसभा सीट पर हार का मंथन करने दो सदस्यों की टीम शिमला पहुंच चुकी है. इनमें सांसद पीएल पुनिया और सांसद रजनी पाटिल शामिल हैं. यह दोनों वरिष्ठ नेता 15 और 16 जुलाई को बैठक कर हार के कारणों का पता लगाएंगे. इनमें मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री और हिमाचल कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह शामिल होंगी. इसके अलावा चारों लोकसभा क्षेत्र में चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी आनंद शर्मा, विक्रमादित्य सिंह, सतपाल रायजादा और विनोद सुल्तानपुरी के साथ अन्य पदाधिकारी को भी बैठक में बुलाया गया है. दिल्ली से आए दोनों सांसद यह पता लगाएंगे कि आखिर किन कारणों की वजह से कांग्रेस की चुनाव में हार हुई है.
हिमाचल कांग्रेस की लगातार तीसरी हार
साल 2014 और साल 2019 के मुकाबले साल 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने राष्ट्रीय स्तर पर बेहतर प्रदर्शन किया. कांग्रेस ने 99 सीट जीती, लेकिन हिमाचल कांग्रेस के प्रदर्शन में कोई बदलाव नहीं आया. साल 2014 और साल 2019 की तरह ही साल 2024 के लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस चारों सीट हार गई. साल 2021 के लोकसभा उपचुनाव में मंडी की सीट कांग्रेस के पहले में आई थी, वह भी कांग्रेस नहीं बचा सकी.
ऐसे में लोकसभा चुनाव की हार की जिम्मेदारी तय की जाएगी कि आखिर इतनी बड़ी हार की क्या वजह रही. राज्य में सत्ता होने के बावजूद कांग्रेस को हार का सामना क्यों करना पड़ा. साथ ही दोनों दिल्ली से आए दोनों नेता यह भी पता लगाएंगे कि कहीं क्या लंबे वक्त से सरकार और संगठन के बीच नजर आ रही तनातनी भी हार का कारण तो नहीं बन गई.
CM सुक्खू के गृह क्षेत्र से भी BJP को बढ़त
हैरानी की बात है कि खुद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के गृह विधानसभा क्षेत्र नादौन से भी बीजेपी प्रत्याशी अनुराग ठाकुर को लीड मिली. यहां बीजेपी के अनुराग ठाकुर को 2 हजार 143 ज्यादा वोट मिले. हिमाचल प्रदेश के कुल 68 विधानसभा क्षेत्र में से 61 विधानसभा क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशियों को लीड मिली. कांग्रेस सिर्फ कुल्लू, आनी, लाहौल स्पीति, किन्नौर, जुब्बल कोटखाई, रोहड़ू और हरोली से ही लीड ले सकी.
सिर्फ तीन कैबिनेट मंत्रियों के क्षेत्र में लीड
हिमाचल प्रदेश सरकार में जल शक्ति और परिवहन विभाग संभाल रहे उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने अपने इलाके में कांग्रेस प्रत्याशी सतपाल सिंह रायजादा को 1 हजार 535 वोट की लीड दिलाई. किन्नौर विधानसभा क्षेत्र से विधायक और सरकार में राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी के क्षेत्र से विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस को 8 हजार 562 वोट की लीड मिली. इसके अलावा रोहित ठाकुर शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर के गृह विधानसभा क्षेत्र जुब्बल कोटखाई से कांग्रेस प्रत्याशी विनोद सुल्तानपुरी को 5 हजार 937 ज्यादा वोट मिले. अन्य सभी मंत्री अपने-अपने इलाकों से लीड दिलाने में असफल रहे.
शिमला संसदीय क्षेत्र में बीजेपी की जीत
बात अगर शिमला संसदीय क्षेत्र की करें, तो यहां बीजेपी को अर्की से 15 हजार 484, नालागढ़ से 15 हजार 164, दून से 13 हजार 073, सोलन से 5 हजार 016, कसौली से 3 हजार 360, पच्छाद से 476, नाहन से 7 हजार 941, श्री रेणुका जी से 4 हजार 485, पांवटा साहिब से 15 हजार 313, शिलाई से 2 हजार 317, चौपाल से 4 हजार 295, ठियोग से 2 हजार 544, कसुम्पटी से 6 हजार 039, शिमला से 3 हजार 590 और शिमला ग्रामीण से 6 हजार 448 वोट की लीड मिली.
मंडी संसदीय क्षेत्र में विक्रमादित्य सिंह की हार
मंडी संसदीय क्षेत्र में बीजेपी को भरमौर से 5 हजार 533, मनाली में 1 हजार 953, कुल्लू में 6 हजार 872, बंजार में 2 हजार 989, करसोग में 5 हजार 926, सुंदरनगर में 8 हजार 994, नाचन में 5 हजार 936, सिराज में 14 हजार 696, द्रंग में 7 हजार 699, जोगिंदरनगर में 19 हजार 402, मंडी सदर में 15 हजार 515 बल्ह में 9 हजार 742 और सरकाघाट में 13 हजार 647 वोट की लीड मिली. इस लोकसभा क्षेत्र के लाहौल स्पीति में कांग्रेस को 6 हजार 876, रामपुर से 21 हजार 437, आनी में 8 हजार 328 और किन्नौर से 8 हजार 562 वोट की लीड मिली.
हमीरपुर में अनुराग ठाकुर की पांचवीं जीत
हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में बीजेपी के अनुराग ठाकुर को देहरा से 15 हजार 317, जसवां-परागपुर से 9 हजार 516, धर्मपुर से 11 हजार 362, बड़सर से 15 हजार 260, सुजानपुर से 23 हजार 853, हमीरपुर से 16 हजार 029, बड़सर से 16 हजार 184, नादौन से 2 हजार 143, चिंतपूर्णी से 7 हजार 931, गगरेट से 10 हजार 944, ऊना सदर से 425, कुटलैहड़ से 7 हजार 819, झंडुता से 12 हजार 912, घुमारवीं से 13 हजार 753, बिलासपुर से 11 हजार 254 और नैना देवी से 5 हजार 510 वोट की लीड मिली. यहां सिर्फ उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री के गृह विधानसभा क्षेत्र हरोली से ही कांग्रेस को 1 हजार 535 वोट की लीड मिल सकी.
कांगड़ा में भी बुरी तरह फेल हुए कांग्रेस के सभी सिपाही
कांगड़ा संसदीय क्षेत्र में कांग्रेस एक भी विधानसभा क्षेत्र में लीड हासिल नहीं कर सकी. यहां सभी विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी के डॉ. राजीव भारद्वाज ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस प्रत्याशी आनंद शर्मा को हराया. कांगड़ा संसदीय क्षेत्र के चुनाव में बीजेपी को 11 हजार 343, चंबा से 19 हजार 473, डलहौजी से 14 हजार 292, भटियात से 13 हजार 166, नूरपुर से 18 हजार 732, इंदौरा से 14 हजार 030, फतेहपुर से 14 हजार 365, ज्वाली से 12 हजार 644, ज्वालामुखी से 15 हजार 470, जयसिंहपुर से 8 हजार 833, सुलह से 14 हजार 199, नगरोटा से 8 हजार 221 कांगड़ा से 22 हजार 662, शाहपुर से 21 हजार 729, धर्मशाला से 13 हजार 251, पालमपुर से 8 हजार 718 और बैजनाथ से 17 हजार 081 वोट की लीड मिली.
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