Himachal Pradesh Political Crisis Update: हिमाचल प्रदेश के सियासी संकट पर बड़ी खबर आ रही है. मंत्री विक्रमादित्य सिंह (Vikramaditya Singh) गुरुवार (29 फरवरी) को रात 12 बजे पंचकूला पहुंचे. यहां विक्रमादित्य सिंह ने बागी विधायकों से मुलाकात की है. बागी विधायकों ने विक्रमादित्य सिंह से कहा कि हिमाचल की कांग्रेस सरकार को गिराना है. वहीं विक्रमादित्य सिंह ने उन्हें समर्थन का भरोसा दिलाया है. सूत्रों के मुताबिक शिमला में मौजूद कई विधायक बागियों के संपर्क में हैं.
एक तरफ जहां प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने कहा है कि संकट को खत्म मान लेना जल्दबाजी होगी तो दूसरी तरफ उनके बेटे विक्रमादित्य बागियों से मिले. वहीं गुटबाजी और सीएम सुक्खू पर दवाब डालने के प्रयास जारी हैं. इससे पहले सीएम सुक्खू की तरफ से बुलाई ब्रैकफास्ट डिप्लोमेसी में कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह शामिल नहीं हुए. बता दें कि विक्रमादित्य सिंह ने इससे पहले कहा था कि जब तक ऑब्जर्वर्स पूरे मसले पर निर्णायक फैसला नहीं लेते हैं तब तक वह इस्तीफा मंजूर करने के लिए दवाब नहीं बनाएंगे.
विक्रमादित्य सिंह ने मंत्री पद से दिया था इस्तीफा
बता दें कि बुधवार को हिमाचल में मचे सियासी घमासान के बीच विक्रमादित्य सिंह ने मंत्री पद से इस्तीफा देने की बात कहीं थी. उन्होंने कहा कि पार्टी ने वीरभद्र सिंह की विरासत का सम्मान नहीं किया है. वहीं दिल्ली से केंद्रीय पर्यवेक्षकों के साथ बैठक बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने उनके प्रस्ताव को 'अस्वीकार' कर दिया. इसके बाद मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि वह इस पर जोर नहीं देंगे.
क्या है नाराजगी की वजह?
जानकारी के लिए बता दें कि विक्रमादित्य सिंह ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पर अपने अपमान का आरोप लगाया था. बुधवार 28 फरवरी को भावुक होते हुए उन्होंने अपना इस्तीफा पेश किया था और कहा था कि यह विधायकों की अनदेखी और असंतोष का नतीजा है. उन्होंने यह दावा किया था कि उनकी निष्ठा कांग्रेस पार्टी के साथ है. बता दें विक्रमादित्य सिंह हिमाचल कांग्रेस सरकार में लोक निर्माण मंत्री हैं, जिस पद से उन्होंने बुधवार 28 फरवरी को इस्तीफा देने का एलान किया था. वह हिमाचल कांग्रेस प्रमुख प्रतिभा सिंह और पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत वीरभद्र सिंह के बेटे हैं