Himachal Pradesh: क्या हिमाचल के उद्योगों को बर्बाद करना चाहती है सुक्खू सरकार? नेता प्रतिपक्ष का जोरदार हमला
Himachal News: उद्योग बिजली के शुल्क में डेढ़ गुना बढ़ोतरी को लेकर नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सरकार पर निशाना साधा है. जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार हिमाचल में लगे उद्योगों को बर्बाद करना चाह रही है.
Himachal Politics: हिमाचल प्रदेश सरकार ने हाल ही में उद्योग बिजली के दरों में बढ़ोतरी की है. नई दरों के तहत हाई टेंशन के अधीन आने वाले उद्योगों के लिए बिजली शुल्क 11% से बढ़कर 19% किया गया है, जबकि एक्सट्रीम हाई टेंशन उद्योगों के लिए दर को 13% से बढ़कर 19% कर दिया गया है. इसके अलावा छोटे और मध्यम उद्योगों पर बिजली बिल को 11 फ़ीसदी से बढ़कर 17 फीसदी कर दिया गया है. सीमेंट संयंत्रों पर बिजली शुल्क 17 फ़ीसदी से बढ़ाकर 25 फ़ीसदी हो गई है. सरकार की ओर से जारी नई दरों के बाद विपक्ष सरकार को घेरता हुआ नजर आ रहा है.
हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सरकार के इस फैसले को लेकर जोरदार हमला किया है. जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार बिजली के शुल्क में डेढ़ गुना बढ़ोतरी कर हिमाचल प्रदेश में लगे उद्योगों को बर्बाद करना चाह रही है. उन्होंने कहा कि पूर्व बीजेपी सरकार नए उद्योग लगाने के लिए उद्योगपतियों को प्रोत्साहन दे रही थी और मौजूदा कांग्रेस सरकार उद्योगों की सुविधा छीन रही है. उन्होंने कहा कि इस रियायत को वापस लेना दुर्भाग्यपूर्ण है. सरकार लगातार राजनीतिक बदले की भावना से फैसला ले रही है.
हिमाचल में उद्योगों को बंद करना चाहती है सरकार?
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि कोरोना काल के बाद प्रदेश में उद्योग-धंधों को गति देने के लिए तत्कालीन बीजेपी सरकार ने निर्धारित समय के लिए कुछ रियायतें दी थी. इसे अब खत्म ही कर दिया गया है. जयराम ठाकुर ने कहा कि ऐसा चलता रहा, तो प्रदेश में नए उद्योगों की बजाय यहां काम कर रहे उद्योग भी बंद हो जाएंगे. उन्होंने कहा कि उद्योग लगाने के लिए हिमाचल प्रदेश सबसे सस्ती बिजली देने का वादा तत्कालीन बीजेपी सरकार लाई थी, लेकिन आज कांग्रेस सरकार में यह बिजली सबसे महंगी हो गई है. उन्होंने कहा कि इसका सीधा असर हिमाचल प्रदेश में स्थानीय लोगों को मिलने वाले रोजगार पर पड़ेगा.
उद्योगपतियों को डरा रहा है माफिया- जयराम ठाकुर
पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार उद्योगों को बर्बाद करने और उन्हें प्रदेश से बाहर भेजने के लिए योजना बंद तरीके से कम कर रही है. एक तरफ सरकार के तुगलकी फैसला उद्योगों को आर्थिक असुरक्षा दे रहे हैं. तो वहीं, दूसरी ओर बेखौफ माफिया तंत्र उद्योगपतियों को डरा रहा है. इस वजह से उद्योगपति अब हिमाचल प्रदेश छोड़कर जाना चाह रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार को यह बताना चाहिए कि आखिर माफिया किसकी शह पर काम कर रहे हैं? कौन इन माफियाओं को संरक्षण दे रहा है? जयराम ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री को इस बारे में पता करना चाहिए और कड़ी कार्रवाई अमल में लानी चाहिए. नेता प्रतिपक्ष सियाराम ठाकुर ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के इस फैसले का कड़ा विरोध किया है.
आम आदमी पर भी बोझ डाल रहे सरकार- नेता प्रतिपक्ष
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि बिजली शुल्क में वृद्धि होने से प्रदेश में सीमेंट और लोहे के दाम भी बढ़ जाएंगे. इससे लोगों पर दोहरी मार पड़ेगी. आपदा में कई लोग अपना घर गवा चुके हैं. इस बीच अगर सीमेंट और लोहे के दाम में बढ़ोतरी होगी, तो जनता पर ही इसकी मार पड़ेग. उन्होंने कहा कि पहले भी आपदा के बीच ही सरकार ने डीजल पर लगने वाले वैट पर भी तीन रुपए की बढ़ोतरी की थी. इससे प्रदेश की आम जनता पर लगातार मार पड़ रही है. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इससे पहले सरकार ने बिजली, पानी, कूड़ा और प्रॉपर्टी टैक्स बढ़ाकर जनता पर भारी बोझ लदा हुआ है. सत्ता में आते ही मुख्यमंत्री ने व्यवस्था परिवर्तन की बात की और व्यवस्था परिवर्तन के साथ लोगों पर बोझ डालना शुरू कर दिया. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि आपदा के समय में प्रदेश के लोगों पर प्रत्यक्ष या प्रत्यक्ष महंगाई का बोझ बढ़ाना सही नहीं है.