IGMC Shimla News: शिमला के आईजीएमसी (IGMC) अस्पताल के 34 सुरक्षाकर्मियों को नौकरी से निकाल दिया गया है. सोमवार को सुरक्षाकर्मियों ने सीटू के बैनर तले उपायुक्त कार्यालय के बाहर ज़ोरदार प्रदर्शन किया. मंगलवार को दोबारा धरना प्रदर्शन होगा. सोमवार की सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें नौकरी ने निकालने के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर नौकरी से निकाले गए कर्मियों को वापस नौकरी पर न लिया, तो आंदोलन और तेज़ होगा.
नियमों के खिलाफ नौकरी से निकाला गया- CITU
सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा ने कहा कि 34 सुरक्षा कर्मियों को नौकरी से बाहर निकालने का निर्णय गैर कानूनी है. इसे तुरन्त वापस लिया जाए. उन्होंने कहा कि आईजीएमसी में सुरक्षाकर्मियों की मानसिक प्रताड़ना की जा रही है. ठेकेदार बदलने पर उन्हें नौकरी से निकाला जा रहा है, जो यूनियन से आईजीएमसी प्रबन्धन द्वारा किए गए समझौते व औद्योगिक विवाद अधिनियम की धारा 25-एच का खुला उल्लंघन है. आईजीएमसी प्रबन्धन भी नए ठेकेदार के साथ मिलकर श्रम कानूनों की खुली अवहेलना कर रहा है. पिछले कई सालों से कार्यरत सुरक्षा कर्मियों की पुनर्नियुक्ति में श्रम कानूनों का उल्लंघन किया जा रहा है.
34 कर्मियों की सेवा बहाल करने की मांग
आईजीएमसी सिक्योरिटी से निकाले गए बबलू ने कहा कि उनके 34 गार्ड को नौकरी से बिना किसी कारण निकाल दिया गया है. उन्होंने कहा कि उन्हें नोटिस भी नहीं दिया गया. उन्होंने प्रशासन से आग्रह किया है कि सभी 34 कर्मियों को नौकरी पर वापस रखा जाए. उन्होंने कहा कि उन्होंने मजदूरों के हक की आवाज़ उठाई है, जिस कारण उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया गया है.
क्या कहता है अस्पताल प्रशासन?
वहीं, इस बारे में आईजीएमसी के डिप्टी एमएस डॉ. अमन मधैक का कहना है कि अगर कोई सुरक्षाकर्मी काम पर नहीं आएगा, तो इसके लिए कंपनी से इसकी जानकारी ली जाएगी. यहां किसी सुरक्षाकर्मी को क्यों तैनात नहीं किया गया है. इसके लिए कंपनी को नोटिस जारी किया जाएगा. अस्पताल प्रशासन ने कंपनी को काम सौंप दिया है. सुरक्षा कर्मचारियों की तैनाती उनकी जिम्मेवारी है.
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