Himachal Pradesh News: केंद्र सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने वन संरक्षण अधिनियम चरण -2 के तहत किन्नौर जिले में शोंगटोंग-करछम जल विद्युत परियोजना के लिए करीब 85 बीघा जमीन के इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है. इस परियोजना के निर्माण के लिए बेहद महत्वपूर्ण यह स्वीकृति केंद्र सरकार के पास साल 2018 से लंबित थी.


राज्य सरकार इस मंजूरी को हासिल करने के लिए लंबे वक्त से कोशिश कर रही थी. इस परियोजना का काम पूरा करने के लिए पुल का निर्माण करने के लिए भी इस जमीन की जरूरत थी. मंजूरी मिलने के बाद अब परियोजना के काम में तेजी आएगी. शोंगटोंग-करछम जल विद्युत परियोजना राज्य की विद्युत उत्पादन क्षमता को बढ़ाएगी. यह राज्य की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने में महत्वपूर्ण योगदान देगी.


19 मार्च को मिली थी पहले चरण की मंजूरी


केंद्र सरकार की ओर से पहले चरण की स्वीकृति इसी साल 19 मार्च को दी गई थी. इसके बाद राज्य सरकार ने आवश्यक नियमों और शर्तों की अनुपालना रिपोर्ट सैद्धांतिक मंजूरी के लिए केंद्र सरकार को सौंपी. इसके बाद राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से अंतिम स्वीकृति के लिए आग्रह किया.


450 मेगावाट शोंगटोंग करछम जल विद्युत परियोजना का काम साल 2012 में अवॉर्ड किया था, जो नवंबर, 2026 तक पूरा होना है. इस परियोजना से विद्युत उत्पादन के लिए एक ट्रांसमिशन लाइन बिछाई जा रही है. परियोजना का कार्य समय पर पूरा करने के लिए ट्रांसमिशन के टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है, ताकि प्रदेश सरकार को कोई वित्तीय नुकसान न हो.


राज्य सरकार ने मजबूती से रखा पक्ष- CM सुक्खू 


इस पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा- 'वन संरक्षण अधिनियम के तहत यह स्वीकृति केंद्र सरकार के पास लंबे समय से विचाराधीन थी, लेकिन प्रदेश सरकार ने कड़े प्रयास करते हुए स्वीकृति प्रदान करने के लिए केंद्र सरकार के समक्ष अपना पक्ष मजबूती से रखा. इसी के परिणाम स्वरुप अब यह मंजूरी राज्य सरकार को मिल गई है'.  मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने विभिन्न पहलों से प्रदेश में हरित उद्योग को बढ़ावा देने पर विशेष ध्यान केंद्रित किया है. इससे यह राज्य की अर्थव्यवस्था में योगदान करने में सक्षम हो सके


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