Shimla News: हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में हो रही भारी बारिश ने पहाड़ी राज्य को वह जख्म दिए हैं, जो कभी भर नहीं सकेंगे. बीते दिनों राजधानी शिमला (Shimla) में हुई तबाही के बाद स्थिति बेहद गंभीर है. शहर के करीब 150 परिवार तबाही के बाद बेघर हो चुके हैं. इनमें करीब 100 परिवार कृष्णा नगर (Krishna Nagar) और 50 परिवार फागली के हैं. कृष्णा नगर के प्रभावित परिवारों को कम्युनिटी सेंटर में ठहराया गया है, जबकि फागली (Phagli) के प्रभावित संस्कृत कॉलेज की पुरानी इमारत में रह रहे हैं. कुछ परिवारों के हालात इतने खराब हैं कि उनके पास चंद जोड़ी कपड़े के अलावा कुछ और पहनने तक के लिए नहीं है.


ऐसे में कई संस्थाएं आगे बढ़कर इन लोगों की मदद कर रही हैं. स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर न केवल प्रभावितों को दिन में तीन वक्त का खाना उपलब्ध करवाया जा रहा है, बल्कि उनकी अन्य जरूरतों का भी ध्यान रखा जा रहा है. सुनील उपाध्याय एजुकेशनल ट्रस्ट और सेवार्थ विद्यार्थी शिमला मिलकर प्रभावितों की मदद के लिए आगे आए हैं. ट्रस्ट की ओर से शिमला के तीन अलग-अलग स्थान से वस्त्र एकत्रित किए जाएंगे और जरूरतमंदों को बांटे जाएंगे. शिमला के ओल्ड बस स्टैंड, समरहिल टीचर कॉलोनी और संजौली से वॉलिंटियर कपड़े एकत्रित करेंगे.






प्रभावितों तक मदद पहुंचाने का जरिया
सुनील उपाध्याय एजुकेशनल ट्रस्ट के सह सचिव डॉ. नितिन व्यास ने बताया कि प्रभावितों की मदद के लिए संस्था ने यह शुरुआत की है. उन्होंने कहा कि इस वक्त हिमाचल प्रदेश के साथ शिमला भी बेहद संवेदनशील वक्त से गुजर रहा है. इस विपदा के बीच वो लोगों की मदद करना चाह रहे हैं. शहर भर के लोग भी प्रभावितों की मदद करना चाहते हैं, लेकिन उनके पास इसका कोई जरिया नहीं है. ऐसे में सुनील उपाध्याय एजुकेशनल ट्रस्ट जरूरतमंदों तक पहुंचने के लिए जरिया बन रहा है. उन्होंने कहा कि सुनील उपाध्याय एजुकेशनल ट्रस्ट के जरिए लोग प्रभावितों तक न केवल कपड़े बल्कि अन्य जरूरी सामग्री भी पहुंचा सकते हैं. 


उन्होंने लोगों से अपील की है कि कपड़ों पर साइज टैग लगाकर दें, ताकि जरूरत के हिसाब से कपड़े वितरित किए जा सकें. बता दें कि सुनील उपाध्याय एजुकेशनल ट्रस्ट ने कोरोना काल में भी ग्राउंड जीरो पर उतरकर लोगों की मदद की. ट्रस्ट की ओर से कोरोना काल में संक्रमित लोगों को दवाई के साथ तीन वक्त का खाना भी घर-द्वार पर पहुंचा जा रहा था.


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