Himachal News: हिमाचल प्रदेश विधानसभा में सरकार ने नियम- 102 के तहत सरकारी संकल्प लाया. इस संकल्प में हिमाचल प्रदेश में आई आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग उठाई गई. तीन दिन तक हिमाचल प्रदेश विधानसभा में इस संकल्प पर चर्चा हुई. तीन दिन तक इस पर चर्चा के बाद हिमाचल प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार को हिमाचल प्रदेश में आई आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के लिए मांग उठाई. इसके अलावा हिमाचल प्रदेश के लिए 12 हजार करोड़ का विशेष आर्थिक पैकेज मांगा गया है. ध्वनिमत से प्रस्ताव पारित होने के बाद राज्य सरकार इस संकल्प को केंद्र सरकार को प्रेरित करेगी. सदन में विपक्षी दल भाजपा ने सरकार के इस संकल्प का समर्थन नहीं किया.
केंद्र सरकार से विशेष राहत पैकेज की मांग
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में इस साल ऐसी आपदा आई, जिसे बीते 50 सालों में नहीं देखा गया. हिमाचल प्रदेश में आई आपदा की वजह से भारी नुकसान हुआ और 441 लोगों की जान चली गई. इसके अलावा बड़ी संख्या में लोग घायल भी हुए. अब भी कुछ लोग लापता हैं. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि उन्होंने हिमाचल प्रदेश में आई आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव पारित किया है. वह केंद्र सरकार से 12 हजार करोड़ रुपए की मांग कर रहे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह आज भाजपा के लिए एक काला दिन है. भाजपा ने इस संकल्प का समर्थन नहीं किया. इससे साफ पता चलता है कि वे केवल राजनीतिक रोटियां सेक रहे थे. पहले लगातार भाजपा की ओर से विधानसभा का मानसून सत्र बुलाने की बात कही गई, लेकिन अब इस प्रस्ताव में भाजपा ने हमारा साथ ही नहीं दिया.
भाजपा को जनता नहीं करेगी माफ- CM सुक्खू
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि उन्होंने बार-बार विपक्षी दल भाजपा से अनुरोध किया कि वह इस प्रस्ताव का समर्थन करें, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी भगवान से यह कामना है कि वह उन्हें सद्बुद्धि दे. मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा विधायकों को बताना चाहिए कि आखिर जनता ने उन्हें क्यों चुना है? हिमाचल के लोग इस प्रस्ताव का समर्थन न करने के लिए भाजपा विधायकों को कभी माफ नहीं करेंगे. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि केंद्र सरकार हिमाचल को कोई पैकेज दे या ना दे, लेकिन 30 सितंबर से पहले हिमाचल प्रदेश अपने संसाधनों पर एक विशेष पैकेज लेकर आएगी और आपदा प्रभावितों तक पहुंचाने का काम करेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि आज यह स्पष्ट हो गया है कि भाजपा के विधायकों को सिर्फ और सिर्फ कुर्सी चाहिए. यदि कांग्रेस पार्टी विपक्ष में होती, तो निश्चित तौर पर ही सरकार के इस संकल्प का समर्थन करती.
विशुद्ध राजनीतिक दृष्टि से लाया प्रस्ताव- नेता प्रतिपक्ष
वहीं, हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि भाजपा जनता के साथ है. यह हमारे व्यवहार में भी नजर आता है. उन्होंने कहा कि भाजपा ने नियम- 67 के तहत आपदा पर चर्चा लाने की कोशिश की, लेकिन इसकी अनुमति नहीं मिली. इसके बाद नियम- 102 के तहत सरकारी प्रस्ताव लाया गया. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि अब तक राज्य सरकार ने केंद्र सरकार का आभार व्यक्त नहीं किया. केंद्र सरकार से हिमाचल को भरपूर मदद मिली है. सरकार की ओर से जो संकल्प लाया गया, वह विशुद्ध राजनीतिक दृष्टि से लाया गया. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सारा ठीकरा केंद्र सरकार पर फोड़ने की कोशिश कर रही है. साल 2024 के लोकसभा चुनाव आने वाले हैं. ऐसे में कांग्रेस केंद्र सरकार के खिलाफ माहौल बनाने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश को केंद्र की ओर से लगातार मदद मिली है, लेकिन न तो मुख्यमंत्री ने और न ही किसी अन्य मंत्री ने सरकार का आभार व्यक्त किया है.
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