Himachal News: हिमाचल विधानसभा में गूंजा पौंग डैम विस्थापितों का मुद्दा, 40 साल बाद भी नहीं मिला अधिकार
Shimla: पौंग डैम से राजस्थान को पानी पहुंचाया जाता है. हिमाचल में पौंग बांध में हजारों लोगों की भूमि चली गई. 339 गांव के विस्थापितों के पुनर्वास के लिए राजस्थान के गंगानगर में जमीन आरक्षित की गई है.
HP Budget Session: हिमाचल प्रदेश विधानसभा (Assembly) का बजट सत्र (Budget session) चल रहा है. बजट सत्र में प्रश्नकाल के दौरान पौंग डैम (Pong Dam) विस्थापितों का मुद्दा जोरशोर से गूंजा. धर्मशाला (Dharmshala) से विधायक सुधीर शर्मा (Sudhir Sharma) ने पौंग डैम विस्थापितों के बारे में सरकार से जानकारी मांगी. इस पर सरकार की ओर से बताया गया कि साल 1972-73 से लेकर 28 फरवरी 2023 तक कुल 16 हजार 352 पात्र में 15 हजार 352 विस्थापितों को पात्रता प्रमाण पत्र दिए जा चुके हैं.
वहीं इस मामले में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक को नोडल अधिकारी बनाया गया है. यह नोडल अधिकारी अवैध कब्जों के बारे में लोगों की शिकायतें सुनते हैं. इसके अलावा सरकार दस्तावेज सत्यापन के बाद इसे राजस्थान सरकार को प्रेषित कर रही है. अभी भी एक हजार विस्थापितों को प्रमाण पत्र नहीं दिए जा सके हैं. इस पर सत्ता पक्ष के सदस्य सुधीर शर्मा ने कहा कि सरकार को इस बारे में सेल्फ अटेस्टेड डिक्लेरेशन की सुविधा देने के बारे में विचार करना चाहिए.
ऐसे दी जा रही सूचना
हिमाचल प्रदेश के राजस्व मंत्री जगत सिंह की ओर से जवाब मिला कि सरकार न्यूज़ पेपर और टीवी चैनल के माध्यम से लगातार पात्रों को आमंत्रित कर रही है, लेकिन अभी भी यह पात्र लोग सर्टिफिकेट बनवाने के लिए सामने नहीं आए हैं. उन्होंने कहा कि इससे ऐसा लगता है कि यह पात्र लोग या तो कहीं और बस चुके हैं या फिर उन्हें इसका लाभ नहीं चाहिए. सुधीर शर्मा ने सरकार को सुझाव दिया कि बचे एक हजार लोगों के लिए ऑनलाइन सुविधा पर विचार किया जाना चाहिए, ताकि सभी विस्थापितों को उनका अधिकार दिया जा सके.
पौंग डैम विस्थापितों के लिए राजस्थान में आरक्षित है जमीन
गौरतलब है कि पौंग डैम से राजस्थान को पानी पहुंचाया जाता है. राजस्थान के पानी की समस्या को हिमाचल प्रदेश ने सुलझाने का काम किया हैं. हिमाचल में पौंग बांध में हजारों लोगों की भूमि चली गई. 339 गांव के करीब 16 हजार 352 पौंग बांध विस्थापितों के पुनर्वास के लिए राजस्थान के गंगानगर जिले में 2 लाख 20 हजार एकड़ भूमि आरक्षित की गई है. राजस्थान में पौंग बांध विस्थापितों के मुरब्बा आवंटन के लिए पोर्टल तैयार किया गया है. इससे पौंग बांध विस्थापितों से संबंधित फाइल का निपटारा जल्दी हो सके.