Himachal Pradesh Assembly Election 2022 Voting Percentage: हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) हर विधानसभा चुनाव में एक नया रिकॉर्ड बनाने के लिए जाना जाता है. हालांकि, इस बार मतदान के शुरुआती आंकड़े आने के बाद राजनीतिक दलों के साथ विशेषज्ञ भी चौंके थे. जैसे-जैसे समय बीता और मतदान का आंकड़ा सामने आया, तो पता चला कि प्रदेश भर में 74.05 प्रतिशत वोटिंग हुई है. इनमें अभी बैलेट पेपर से हुए पांच कैटेगरी के वोट जोड़े जाने बाकी हैं. ऐसे में मतदान प्रतिशत और बढ़ेगा.

 

हिमाचल प्रदेश के जिला सोलन की दून विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक 85.2 फीसदी, जबकि शिमला शहरी विधानसभा क्षेत्र में सबसे कम 62.53 फीसद मतदान हुआ. हिमाचल प्रदेश में साल 1998 में 71.23 फीसदी, साल 2003 में 74.51 फीसदी, साल 2007 के चुनाव में 71.61, साल 2012 के चुनाव में मत प्रतिशत 73.5 फीसदी और साल 2017 के विधानसभा चुनाव में 75.57 फीसदी मतदान हुआ था. साल 2022 के विधानसभा चुनाव में सर्विस वोट जुड़ने के बाद यह आंकड़ा 75 फीसदी के पार जाएगा.

 


 

ज्यादा मतदान के क्या हैं मायने?

अमूमन यह धारणा है कि ज्यादा मतदान प्रदेश की सरकार के खिलाफ होता है. हालांकि, इसके पीछे कोई तथ्य नहीं है. जानकार मानते हैं कि यह जरूरी नहीं कि ज्यादा मतदान सरकार के खिलाफ ही हो. साल 2019 के लोकसभा चुनाव में हिमाचल प्रदेश में मतदान प्रतिशत 80 फीसदी के पार था और यह मतदान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सत्ता में वापस लाने के लिए हुआ. हिमाचल प्रदेश की सभी 68 विधानसभा क्षेत्रों में बीजेपी को लीड मिली थी. ऐसे में यह कहना कि अधिक मतदान सरकार के खिलाफ होता है, वाजिब नहीं होगा. फिलहाल हिमाचल प्रदेश के मुख्य राजनीतिक पार्टी बीजेपी और कांग्रेस अपनी-अपनी जीत को लेकर आश्वस्त नजर आ रही हैं. प्रदेश भर के सभी 412 प्रत्याशियों के साथ जनता को भी अब नतीजे के दिन 8 दिसंबर का इंतजार है.