Anand Sharma Attacks on Congress: कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने गुरुवार को कहा कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव (Himachal Pradesh Assembly Election) के लिए पार्टी की ओर से प्रचार में वरिष्ठ नेताओं को शामिल करके इसे और बेहतर किया जा सकता था. आनंद शर्मा ने अफसोस जताते हुए कहा कि पार्टी ने उनकी सेवाएं पूरी तरह नहीं लीं. हालांकि, उन्होंने कहा कि पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) ने राज्य में जोरदार तरीके से प्रचार किया, उन्हें विश्वास है कि कांग्रेस चुनाव जीतेगी और स्थिर बहुमत हासिल करेगी.


आनंद शर्मा ने यह भी कहा कि बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही नई पेंशन योजना के प्रभावों का आकलन नहीं करने के लिए जिम्मेदार हैं. उन्होंने कांग्रेस नेता वीरभद्र सिंह के मुख्यमंत्री रहने के दौरान लाई गई इस योजना को गलत फैसला बताया. उन्होंने कहा, "दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से हमने 2012 में राज्य में फिर सरकार बनाने पर इसे सही नहीं किया, जिस समय पी चिदंबरम केंद्रीय वित्त मंत्री थे." कांग्रेस नेता ने कहा कि यह राष्ट्रीय मुद्दा है और केंद्र के साथ-साथ राज्यों को साथ बैठकर मामले को सुलझाना चाहिए.


'हमारी स्थिति 2017 से बेहतर'
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कांग्रेस उम्मीदवारों ने जहां भी उन्हें आमंत्रित किया, उन्होंने अपनी सर्वश्रेष्ठ क्षमता के हिसाब से प्रचार किया, लेकिन केंद्रीय नेतृत्व की ओर से उनके प्रचार की कोई योजना नहीं थी. उन्होंने कहा, "हमारी स्थिति 2017 से बेहतर है, क्योंकि हम विशेष महत्व वाले मुद्दों को लेकर जनता तक गए हैं, जिनमें बेरोजगारी, महंगाई, पुरानी पेंशन योजना या अग्निपथ भर्ती योजना शामिल हैं."


राहुल गांधी के प्रचार नहीं करने पर ये बोले आनंद शर्मा
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की ओर से गठित पार्टी की संचालन समिति के सदस्य आनंद शर्मा ने विश्वास जताया कि उनकी पार्टी राज्य में बीजेपी के तेज प्रचार अभियान के बावजूद अच्छा प्रदर्शन करेगी. उन्होंने बीजेपी के प्रचार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कई मंत्रियों के जनसभा करने का उल्लेख किया. हिमाचल प्रदेश में राहुल गांधी के कोई जनसभा नहीं करने के बारे में पूछे जाने पर आनंद शर्मा ने कहा कि राहुल का ध्यान यात्रा पर है और जाहिर है कि प्रियंका गांधी के मुख्य प्रचारकर्ता होने का फैसला सोच-समझकर लिया गया.


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घोषणापत्र बनाने में नहीं मांगे गए सुझाव: आनंद शर्मा
वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा, "मैं इस पर टिप्पणी नहीं करना चाहूंगा, यह उनका फैसला था और वह भारत जोड़ो यात्रा में व्यस्त हैं. प्रियंका गांधी ने जोरदार अभियान चलाया, लेकिन शायद हम उपलब्ध वरिष्ठ नेताओं को शामिल करके इस प्रचार अभियान को बेहतर बना सकते थे." पार्टी संगठन में बड़े स्तर पर सुधारों की मांग को लेकर 2020 में सोनिया गांधी को पत्र लिखने वाले 23 पार्टी नेताओं के समूह में शामिल रहे आनंद शर्मा ने कहा कि पार्टी ने कभी उन्हें प्रचार की रणनीति बनाने में शामिल नहीं किया और न ही चुनाव के लिए घोषणापत्र बनाने में उनके सुझाव मांगे गए.


'सलाह नहीं लेने के बाद भी किया प्रचार'
उन्होंने कहा, "मेरा मानना है कि कांग्रेस सदस्य होने के नाते जहां भी उम्मीदवार मुझे आमंत्रित करें, वहां प्रचार के लिए जाना मेरी जिम्मेदारी है, लेकिन केंद्रीय नेतृत्व ने मेरे प्रचार करने को लेकर कोई तालमेल नहीं किया." अगस्त में राज्य में पार्टी की संचालन समिति के प्रमुख पद से इस्तीफा देकर आनंद शर्मा ने क्या किसी तरह की नाखुशी जताई थी? इस बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "हां, मैं (नाखुश) था, क्योंकि मैं संचालन समिति का अध्यक्ष था, लेकिन सलाह-मशविरे में मुझे शामिल नहीं किया गया, मुझे किसी बैठक में आमंत्रित नहीं किया गया और पार्टी के प्रचार की रणनीतिक योजना बनाने में भी मुझे नहीं जोड़ा गया. मुझसे सलाह नहीं ली गई, तब भी मैंने प्रचार किया."


आनंद शर्मा बोले- बगावत से आहत हैं आनंद शर्मा
आनंद शर्मा ने कहा कि कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही बगावत से आहत हुए हैं और भाजपा को इस मामले में कांग्रेस से ज्यादा चोट पहुंची है. मुझे यह कहते हुए कोई संकोच नहीं हो रहा कि हमने (कांग्रेस ने) कुछ विधानसभा क्षेत्रों में उम्मीदवारों का चयन करने में गलती की है. कांग्रेस की ओर से राज्य में चुनाव से पहले किसी नेता को मुख्यमंत्री पद का चेहरा नहीं बनाने के सवाल पर आनंद शर्मा ने कहा कि विधायकों के चुनाव के बाद आम-सहमति बनाई जा सकती है.


जानिए मुख्यमंत्री पद के दावेदारी पर आनंद शर्मा ने क्या कहा?
कांग्रेस के बहुमत पाने पर क्या आनंद शर्मा मुख्यमंत्री पद के दावेदार हो सकते हैं? इस प्रश्न के उत्तर में जवाब मिला कि उन्होंने ऐसी कोई महत्वाकांक्षा नहीं जताई है और जहां भी उम्मीदवारों ने उन्हें प्रचार के लिए बुलाया, उन्होंने किया. उन्होंने 'डबल इंजन सरकार' के बीजेपी के दावों पर कहा कि राज्य सरकारों ने 'सिंगल इंजन' पर अच्छा काम किया है.