Himachal Pradesh Election 2022 Date: हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया गया है. केंद्रीय चुनाव आयोग (Election Commission of India) ने आज दिल्ली में एक अहम प्रेस कॉन्फ्रेंस कर हिमाचल प्रदेश और गुजरात असेंबली इलेक्शन की डेट फाइनल कर दी है. हिमाचल की सभी 68 विधानसभा सीटों पर में 12 नवंबर को मतदान होंगे और रिजल्ट 8 दिसंबर नतीजे आएंगे. बता दें, मौजूदा समय में हिमाचल प्रदेश में भारतीय जनता (BJP) पार्टी की सरकार है और इस साल मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर (Jai Ram Thakur) की सरकार का कार्यकाल समाप्त होने जा रहा है.
चुनाव से जुड़ी अहम तारीख
- नोटिफिकेश की तारीख 17 अक्टूबर 2022 (बुधवार)
- नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 25 अक्टूबर (मंगवलार)
- नांमांकन पत्रों की चेकिंग 27 अक्टूबर (गुरुवार)
- नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख 29 अक्टूबर (शनिवार)
- वोटिंग की तारीख 12 नवंबर (शनिवार)
- मतगणना की तारीख 8 दिसंबर (गुरुवार)
- पूरी चुनाव प्रकिया खत्म होने की तारीख- 10 दिसंबर (शनिवार)
हिमाचल प्रदेश में कुल 55.07 लाख वोटर्स
हिमाचल प्रदेश में कुल वोटरों की संख्या 55.07 लाख बताई जा रही है. इनमें 27.80 लाख पुरुष और 27.27 लाख महिला वोटर हैं. इसके अलावा, 37 थर्ड जेंडर हैं. वहीं, इस साल 1.64 लाख नए वोटर लिस्ट में शामिल किए गए हैं, जो पहली बार हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए मतदान करेंगे. आपको बता दें, हिमाचल चुनाव 2022 के लिए प्रदेश में कुल 7,881 पोलिंग स्टेशन बनाए जा रहे हैं.
हिमाचल प्रदेश की 68 सीटों में 20 आरक्षित
हिमाचल प्रदेश में कुल 68 विधानसभा सीटें हैं, जिनमें 17 सीटें एससी उम्मीदवारों के लिए आरक्षित की गई हैं. वहीं, 3 सीटें एसटी कैंडिडेट्स के लिए रिजर्व्ड हैं.
दिव्यांगजनों और वृद्धों की संख्या
हिमाचल प्रदेश के कुल 55.07 लाख वोटर्स में से दिव्यांगजनों (PwD) की संख्या 56,001 है. वहीं, 80 साल की उम्र पार कर चुके कुल 1,22,093 सीनियर सिटिजन हैं.
हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव 2017 में बीजेपी को मिली थी जीत
मालूम हो, 9 नवंबर 2017 को हिमाचल प्रदेश के सभी 68 निर्वाचन क्षेत्रों में विधानसभा चुनाव पूरे हुए थे. उस दौरान 68 विधानसभा सीटों में से 44 (48.79 प्रतिशत) सीटें जीतकर बीजेपी ने अपनी सरकार बनाई थी. हालांकि, बीजेपी उम्मीदवार प्रेम कुमार धूमल को सुजानपुर सीट से हार का सामना करना पड़ा था, जिसके बाद जय राम ठाकुर को प्रदेश बतौर मुख्यमंत्री प्रदेश की कमान सौंपी गई थी. वहीं, कांग्रेस 21 (41.68% प्रतिशत) सीटों पर जीत हासिल कर दूसरे नंबर की पार्टी बनी थी और वीरभद्र सिंह को शिकस्त मिली. इसके अलावा, सीपीएम के खाते में 1 और अन्य के खाते में 2 सीटें आई थीं.