Himachal Pradesh Assembly Winter Session: जहां लोकसभा की कार्य उत्पादकता 40 फीसदी और राज्यसभा की कार्य उत्पादकता 55 फीसदी रही, वहीं हिमाचल प्रदेश ने रिकॉर्ड स्थापित किया है. हिमाचल प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र की कार्य उत्पादकता 106 फीसदी रही है. विधानसभा में सत्तापक्ष और विपक्षी सदस्यों के बीच कई मुद्दों पर खूब गहमागहमी भी हुई. बावजूद इसके सदन ने अन्य राज्यों के लिए नजीर पेश कर दी. धर्मशाला में 18 दिसंबर से शुरू हुआ शीतकालीन सत्र 21 दिसंबर को खत्म हो गया.


अब हिमाचल प्रदेश विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गई है. विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने बताया कि शीतकालीन सत्र में कुल चार बैठकें हुईं. पहले दिन नेवा ऐप का शुभारंभ हुआ. अब विधानसभा का सारा काम इसी ऐप के जरिए होगा. 


सदन में 188 तारांकित और 55 अतारांकित प्रश्न


उन्होंने बताया कि शीतकालीन सत्र में 188 तारांकित और 55 अतारांकित प्रश्नों के उत्तर दिए गए. इसी सत्र के दौरान पहली बार विधानसभा में शून्य काल की भी शुरुआत हुई. शून्य काल में 26 विषय उठाए गए. शुक्रवार और शनिवार को हिमाचल प्रदेश विधानसभा में शून्य काल हुआ.


14 सरकारी विधेयकों को किया गया पुरस्थापित 


विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने बताया कि शीतकालीन सत्र में नियम 61 के तहत दो, नियम 62 के तहत तीन, नियम 101 के तहत तीन, नियम 102 के तहत एक सरकारी संकल्प, नियम 130 के तहत दो और नियम 324 के तहत छह विषय आए. 20 दिसंबर को हिमाचल प्रदेश विधानसभा में प्राइवेट मेंबर बिल डे हुआ.


शीतकालीन सत्र के दौरान 14 सरकारी विधेयकों को पुरस्थापित कर पारित किया गया. इस तरह हिमाचल प्रदेश विधानसभा की कार्यवाही चार दिनों में 21 घंटे और 30 मिनट तक चली. 9 घंटे 20 मिनट तक सत्तापक्ष और 8 घंटे 30 मिनट तक विपक्ष के सदस्यों ने कार्यवाही में हिस्सा लिया. हिमाचल प्रदेश विधानसभा की 106 फीसदी कार्य उत्पादकता ऐतिहासिक है.


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