Himachal Pradesh: 19 से 23 दिसंबर के बीच हो सकता है विधानसभा का शीतकालीन सत्र, कैबिनेट ने लिया फैसला
Himachal News: हिमाचल प्रदेश में विधानसभा के शीतकालीन सत्र का आयोजन दिसंबर के तीसरे सप्ताह में कराया जाएगा, इसको लेकर सीएम सुक्खू ने कैबिनेट की बैठक में चर्चा भी की है.
Himachal Pradesh News: सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhvinder Singh Sukhu) हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में राज्यपाल से विधानसभा का शीतकालीन सत्र 19 दिसंबर से 23 दिसंबर 2023 तक तपोवन धर्मशाला (Dharmshala) में आयोजित करने की सिफारिश करने का निर्णय लिया गया है. शनिवार को राज्य सचिवालय में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला लिया गया है. राज्यपाल की ओर से मंजूरी मिलने के बाद विधानसभा के शीतकालीन सत्र (Winter Session) की तारीख तय हो जाएगी. हिमाचल प्रदेश संविधान सभा का शीतकालीन सत्र हर बार तपोवन स्थित विधानसभा में होता है.
मंत्रिमंडल की बैठक में अन्य महत्वपूर्ण फैसले भी लिए गए. जल शक्ति विभाग में 4500 पैरा-कर्मचारियों को नियुक्त करने, राज्य आबकारी एवं कराधान विभाग में कर एवं कराधान निरीक्षक के 25 पद और बागवानी विभाग में बागवानी विकास अधिकारी के 10 पद भरने का भी निर्णय लिया गया है. बैठक में मोटर वाहन टैक्स की एकमुश्त छूट के साथ पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधा (आरवीएसएफ) में स्क्रैप किए जाने वाले पुराने वाहनों से संबंधित ब्याज और जुर्माने की एकमुश्त छूट को भी मंजूरी दी की गई है. यह छूट एक साल की समयावधि के लिए लागू होगी.
इन वाहन मालिकों को रियायत
वैध सर्टिफिकेट ऑफ डिपॉजिट पेश करने पर नए वाहन के पंजीकरण के लिए हिमाचल प्रदेश मोटर वाहन कराधान अधिनियम- 1972 की धारा 14 के तहत देय कर पर गैर परिवहन वाहनों को 15 साल तक 25 फीसदी और परिवहन वाहनों के मामले में आठ साल तक 15 फीसदी रियायत देने का भी निर्णय लिया गया.
इस परियोजना के आवंटन को किया गया रद्द
हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल ने एसजेवीएनएल के पक्ष में किए गए जंगी थोपन पोवारी हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट (780 मेगावाट) के आवंटन को रद्द करने का निर्णय भी लिया. तय सीमा के अंदर काम न करने पर फैसला लिया गया है. कैबिनेट ने शिमला, चौपाल और कुल्लू के और अधिक क्षेत्रों को योजना क्षेत्र के अंतर्गत लाने की स्वीकृति दी ह ताकि इन क्षेत्रों में असुरक्षित निर्माण कार्यों पर रोक लगाई जा सके.
इस नियम में किया गया संशोधन
प्रदेश में कार्यरत सहकारी समितियों को सशक्त बनाने के लिए हिमाचल प्रदेश सहकारी समितियां नियम, 1971 में संशोधन करने को भी मंजूरी दी गई. इसके साथ ही प्रदेश के मंदिरों में संग्रहित सोने और चांदी का इस्तेमाल करने के लिए हिमाचल प्रदेश हिंदू सार्वजनिक धार्मिक संस्थान और धर्मार्थ बंदोबस्ती नियम, 1984 के नियमों में संशोधन करने का भी निर्णय लिया गया.
ये भी पढ़ें- Himachal Pradesh News: शिमला से अमृतसर के लिए उड़ान की शुरुआत, सिर्फ एक घंटे में पूरा होगा सफर